मंगल पांडेय को 10 दिन पहले दी गई थी फांसी, जानते हैं क्यों?
krishna pandey
Apr 08, 2024
Mangal Pandey Death Anniversary 2024
1857 क्रांति के महानायक मंगल पांडेय की आज पुण्यतिथि है. आज के ही दिन 8 अप्रैल 1857 को फांसी दे दी गई थी. यहां हम बताने जा रहे हैं मंगल पांडे के बारे में अनसुनी बातें
22 साल की उम्र में बने सैनिक
मंगल पांडे 22 साल की उम्र में ब्रिटिश सेना में शामिल हो गए. जो ब्रिटिश इंडिया कंपनी की सेना के तहत एक रेजिमेंट थी.
चर्बी के बने कारतूस को नहीं लगाया मुंह
मंगल पांडेय ने ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ विद्रोह कर दिया. जब उन्हें गायों और सूअरों की चर्बी लगी हुई कारतूस को मुंह से खोलना था.यह देश के हिंदुओं और मुसलमानों की धार्मिक मान्यताओं के लिए अपमानजनक था.
आजादी की पहली लड़ाई मंगल के नाम
1857 में मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया, जिसे भारतीय स्वतंत्रता का पहला युद्ध कहा जाता है. जिसके बाद पूरे देश में आजादी के लिए एक नई लहर पैदा हो गई.
अंग्रेजों पर किया हमला
मंगल पांडे ने 29 मार्च 1857 को दो ब्रिटिश अधिकारियों पर हमला किया. इसके बाद उन्हें 18 अप्रैल, 1857 को बैरकपुर में फांसी की सजा सुनाई गई.
18 अप्रैल की जगह 8 अप्रैल को फांसी
कोर्ट मार्शल के बाद मंगल को18 अप्रैल 1857 को फांसी देनी तय की गई थी लेकिन अंग्रेज नहीं चाहते थे कि किसी तरह विद्रोह की आग और फैले इसलिए समय से पहले ही मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 को फांसी दी गई थी. बाद में मंगल का बालिदान ही देश की आजादी का मुख्य वजह बना.