कराची में ट्रेनिंग, 20 की उम्र में पहली बार भरी सोलो उड़ान; जानें कौन थे दलीप सिंह मजीठिया

Sumit Rai
Apr 17, 2024

भारतीय वायुसेना (IAF) के सबसे बुजुर्ग पायलट और रिटायर्ड स्क्वाड्रन लीडर दलीप सिंह मजीठिया का 103 साल की उम्र में निधन हो गया है.

27 जुलाई 1920 को शिमला में जन्मे दलीप सिंह मजीठिया द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे.

हवाई युद्ध के सबसे चुनौतीपूर्ण माहौल में दलिप सिंह मजीठिया ने Hurricanes और Spitfires जैसे विमानों को उड़ाया था.

दलिप सिंह मजीठिया के पास कई बड़े मिशनों को लीड करते हुए 1100 से अधिक घंटे की उड़ान भरने का अनुभव था.

दलिप सिंह मजीठिया ने कराची फ्लाइंग क्लब से उड़ान के गुर सीखे थे. ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने प्रतिष्ठित 'बेस्ट पायलट ट्रॉफी' का खिताब अपने नाम किया था.

ऑस्ट्रेलिया में अपनी सेवा समाप्त करने के बाद दलीप सिंह मजीठिया 18 मार्च 1947 को भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त हुए थे.

ऑस्ट्रेलिया में पोस्टिंग के दौरान दलिप सिंह मजीठिया की मुलाकात जोन सैंडर्स से हुई, जो वहां की नेवी में थीं और उनके पिता ब्रिटिश भारतीय सेना में थे.

18 फरवरी 1947 को दलीप सिंह मजीठिया ने गोरखपुर स्थित घर में जोन सैंडर्स से शादी की थी. उनकी दो बेटियां मीरा सिंह और किरण हैं.

नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री के अनुरोध पर दलिप सिंह मजीठिया ने 23 अप्रैल 1949 को काठमांडू घाटी में अपना प्लेन उतारा था.

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