Chicken Cooking: पकाने से पहले चिकन धोने की करते हैं गलती, तुरंत कर दें बंद वरना शरीर बन जाएगा बीमारियों का घर
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Chicken Cooking: पकाने से पहले चिकन धोने की करते हैं गलती, तुरंत कर दें बंद वरना शरीर बन जाएगा बीमारियों का घर

Why You Should Not Wash Chicken: बिना धोए ही चिकन को पकाना ज्यादा बेहतर है. यह तरीका सबसे सेफ माना गया है. लेकिन अधिकतर लोगों को इस बारे में मालूम ही नहीं होता. एक नई स्टडी में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.

Chicken Cooking: पकाने से पहले चिकन धोने की करते हैं गलती, तुरंत कर दें बंद वरना शरीर बन जाएगा बीमारियों का घर

How To Cook Chicken: चिकन लोगों की फेवरेट डिश में से एक होता है. कई लोग घर पर ही चिकन बनाना पसंद करते हैं. लेकिन कई लोगों की आदत होती है कि वे पकाने से पहले चिकन को धोते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो अपने हाथों से पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं क्योंकि इससे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है. 

द कन्वर्सेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया की विभिन्न फूड सिक्योरिटी अथॉरिटी और रेग्युलेटरी ये सलाह देते हैं कि पकाने से पहले कच्चे पोल्ट्री को धोना नहीं चाहिए. वो इसलिए क्योंकि इससे किचन के आसपास बैक्टीरिया फैलने की खतरा बढ़ जाता है. बिना धोए ही चिकन को पकाना ज्यादा बेहतर है. यह तरीका सबसे सेफ माना गया है. लेकिन अधिकतर लोगों को इस बारे में मालूम ही नहीं होता. एक नई स्टडी में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं.

नई स्टडी में क्या सामने आया?

हालांकि चिकन की धुलाई बेहद आम है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के फूड सिक्योरिटी इन्फॉर्मेशन काउंसिल के एक सर्वे में बताया गया कि ऑस्ट्रेलिया के आधे घरों में चिकन को पकाने से पहले धोया जाता है. करीब 25 परसेंट कस्टमर चिकन को धोते हैं. 

रिसर्च के मुताबिक, खाने से होने वाली बीमारियां साल्मोनेला और कैंपिलोबैक्टर जैसे दो अहम बैक्टीरिया की वजह से होती हैं. ये दोनों कच्चे पोल्ट्री पर पाए जाते हैं. जब किचन में चिकन को धोया जाता है तो ये आसपास फैल जाते हैं और बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है. 

दोगुने हो गए मामले

साल्मोनेला और कैंपिलोबैक्टर के मामले ऑस्ट्रेलिया में पिछले 20 साल में दोगुने हो गए हैं. कैंपिलोबैक्टर इन्फेक्शन के 2,20,000 केस में से 50 हजार मामले डायरेक्ट या इनडायरेक्ट तौर पर चिकन से फैलते हैं. जब चिकन को धोया जाता है तो उसमें से निकलने वाली पानी की बूंदों पर शोध किया गया, जिससे पता चला कि यह रिस्की काम है. पानी की बूंदों से बैक्टीरिया आसपास फैल जाता है. अगर नल की ऊंचाई ज्यादा है तो छींटें ज्यादा फैल सकती हैं.

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