अमेरिका नेपाल में एमसीसी कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है. भारत भी अपना प्रभाव लगातार बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में भारत और नेपाल के बीच रेल सेवा की शुरुआत हुई है. इससे परेशान चीन लगातार अपने नेताओं के दौरे करवा रहा है.
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नेपाल से भारत और अमेरिका की बढ़ती नजदीकियां चीन के लिए परेशानी का सबब बनती नजर आ रही हैं. यही कारण है कि चीन ने नेपाल के लिए अपना खजाना खोल दिया है. यानी भारत और अमेरिका से दोस्ती की वजह से नेपाल को फायदा ही फायदा हो रहा है. चीन ने नेपाल के लिए 14.50 करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है.
अमेरिका नेपाल में एमसीसी कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है. भारत भी अपना प्रभाव लगातार बढ़ा रहा है. इसी कड़ी में भारत और नेपाल के बीच रेल सेवा की शुरुआत हुई है. इससे परेशान चीन लगातार अपने नेताओं के दौरे करवा रहा है. हाल ही में नेपाल दौरे पर पहुंचे चीन के नेता यूआन जिआजून ने 14.50 करोड़ नेपाली रुपये की मदद का ऐलान किया.
यूआन 26 लोगों की टीम के साथ नेपाल पहुंचे. यूआन ने कहा कि वो चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के कहने पर नेपाल दौरे पर आए हैं.
चीन की तरफ से जारी मदद नेपाल के राज्यों के विकास के लिए दिया गया है. यूआन ने नेपाल में स्पीकर, उप प्रधानमंत्री और गृहमंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ व सीपीएन-यूएमएल के नेता केपी शर्मा ओली से भी बातचीत की. दरअसल, चीन नेपाल को श्रीलंका और पाकिस्तान की तरह अपने कर्ज के जाल में फंसाता रहा है.
इसके लिए चीन ने नेपाल में बेल्ट एंड रोड परियोजना की शुरुआत की है और इसके नाम पर अरबों डॉलर लगाए हैं. चीन के कर्ज के जाल में जो भी फंसा वो बर्बादी के कगार पर पहुंच चुका है. फिर चाहे बात पाकिस्तान की हो या फिर श्रीलंका की. हालांकि, नेपाल ने दावा किया है कि देश में अभी एक भी बेल्ट एंड रोड परियोजना की शुरुआत नहीं की गई है.