रेगिस्तान में ये क्या कर रहा है चीन, जानकर हिली दुनिया; सबको सता रहा ये डर
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रेगिस्तान में ये क्या कर रहा है चीन, जानकर हिली दुनिया; सबको सता रहा ये डर

Nuclear Test: विशेषज्ञों का मानना है कि यह विकास वैश्विक सुरक्षा स्थिति के लिए एक बड़ा झटका है. तनावपूर्ण भू-राजनीतिक वातावरण में चीन का संभावित परमाणु हथियार परीक्षण हथियारों की होड़ को तेज कर सकता है और क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकता है.

रेगिस्तान में ये क्या कर रहा है चीन, जानकर हिली दुनिया; सबको सता रहा ये डर

China Secretly Builds Arrangements: चीन ने जिस दूरस्थ रेगिस्तान में छह दशक पहले अपना पहला परमाणु बम का परीक्षण किया था, वहां हाल की गतिविधियों ने अंतरराष्ट्रीय चिंता को जन्म दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक विशाल ड्रिलिंग रिग ने धरती में करीब 300 मीटर से अधिक गहरा एक लंबवत शाफ्ट खोदा है. इस विकास से संकेत मिलता है कि चीन अपनी तेजी से बढ़ती मिसाइल क्षमता की घातकता को बढ़ाने के लिए नए तरह के परमाणु हथियारों का परीक्षण कर सकता है. यह गतिविधि उस जगह हो रही है, जो जगह चीन के पहले परमाणु परीक्षण के लिए कुख्यात है. यह रेगिस्तान पहले से ही परमाणु विकिरण से दूषित है, और नया परीक्षण पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर सकता है.

परमाणु परीक्षणों की तैयारी का संकेत?
दरअसल, रिपोर्ट में अनुमान है कि गहरे शाफ्ट का निर्माण संभवतः सबक्रिटिकल परमाणु परीक्षणों की तैयारी का संकेत दे सकता है, जो विस्फोट के बिना हथियारों के डिजाइन और प्रदर्शन का मूल्यांकन करने का एक तरीका है. हालांकि औपचारिक रूप से प्रतिबंधित नहीं है, इस तरह के परीक्षण परमाणु हथियारों के विकास को तेज कर सकते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह विकास चीन के मिसाइल आयुध को मजबूत करने के प्रयासों का हिस्सा हो सकता है. चीन हाल के वर्षों में तेजी से अपने मिसाइल कार्यक्रम का विस्तार कर रहा है, और नए परमाणु हथियारों का विकास इस क्षमता को और बढ़ा सकता है.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय की कड़ी नजर 
इस खबर पर अभी तक कोई आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह विकास वैश्विक सुरक्षा स्थिति के लिए एक बड़ा झटका है. तनावपूर्ण भू-राजनीतिक वातावरण में, चीन का संभावित परमाणु हथियार परीक्षण हथियारों की होड़ को तेज कर सकता है और क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकता है. यह स्थिति अभी भी विकसित हो रही है, और आने वाले दिनों में और अधिक जानकारी सामने आने की संभावना है. विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेंगे और उम्मीद है कि वह किसी भी हथियार परीक्षण से बचेंगे और परमाणु अप्रसार रोकथाम के प्रति अपनी प्रतिबद्धता कायम रखेंगे.

वैश्विक सुरक्षा को खतरा
बता दें कि चीन ने 1996 में परमाणु परीक्षण पर एक अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इस गतिविधि से संदेह पैदा होता है कि वह इस प्रतिबद्धता का उल्लंघन कर सकता है. हालांकि खड़ी शाफ्ट का उद्देश्य स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह परमाणु हथियारों के परीक्षण के लिए उपयुक्त हो सकता है. यदि चीन नए हथियारों का विकास करता है, तो यह क्षेत्रीय हथियारों की दौड़ को तेज कर सकता है और वैश्विक सुरक्षा को खतरा दे सकता है. इसकी कुछ सेटेलाइट तस्वीरें भी सामने आई हैं. (नोट- इस खबर को लिखने में एआई की मदद ली गई है)

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