Philippines-China Conflict: फिलीपींस पर चीन के ताजा हमले से दुनिया सकते में, ऑस्ट्रेलिया से अमेरिका तक ने ड्रैगन को दी चेतावनी!
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Philippines-China Conflict: फिलीपींस पर चीन के ताजा हमले से दुनिया सकते में, ऑस्ट्रेलिया से अमेरिका तक ने ड्रैगन को दी चेतावनी!

Philippine-China Row: फिलीपींस और चीन के बीच विवाद पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने फिलीपींस के पक्ष में एक फैसला सुनाया था. इसमें चीन के दावे को अस्वीकार कर दिया गया था. चीन ने इस निर्णय को मानने से इनकार कर दिया. उसके बाद से दोनों देशों में आए दिन टकराव की खबरें आती हैं.

china Philippine Row

South China Sea: दक्षिण चीन सागर में चीन ने फिलीपींस के खिलाफ बड़ा हमला कर दिया. चीन के इस एक्शन ने पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है. चीन ने 19, 25 और 31 अगस्त को फिलीपींस के जहाजों पर हमला किया था, जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इस पर चिंता व्यक्त की.

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि वह फिलीपींस की निंदा से सहमत है और इस तरह की घटनाएं दक्षिण चीन सागर में तनाव को और बढ़ाएंगी. 31 अगस्त को फिलीपींस ने आरोप लगाया कि एक चीनी तट रक्षक जहाज ने जानबूझकर उनके सबसे बड़े और आधुनिक तट रक्षक जहाज, बीआरपी टेरेसा मैगबानुआ को टक्कर मारी. 

इस टक्कर से जहाज को क्षति पहुंची, लेकिन चालक दल के सदस्य सुरक्षित रहे. इस घटना के बाद ऑस्ट्रेलिया ने चीन से अपील की कि वह इस तरह की कार्रवाइयों को रोके और विवादों का शांतिपूर्ण समाधान निकाले. 

अमेरिका ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की. अमेरिकी राजदूत मैरीके लॉस कार्लसन ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार देते हुए कहा कि चीन का यह कदम निंदनीय है और अमेरिका अंतरराष्ट्रीय कानून को बनाए रखने में फिलीपींस के साथ खड़ा है.

इस घटना ने प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव पर भी सवाल उठाए हैं. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने प्रशांत पुलिस पहल (PPI) का समर्थन करते हुए इसे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जिसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करना है. 

क्यों होता है दोनों देशों में टकराव?

चीन और फिलीपींस के बीच टकराव का मुख्य कारण दक्षिण चीन सागर में स्थित द्वीपों और समुद्री क्षेत्रों पर दोनों देशों के बीच विवादित दावे हैं. दक्षिण चीन सागर एक महत्वपूर्ण सामरिक और आर्थिक क्षेत्र है, जहां कई देश समुद्री क्षेत्रों पर दावा करते हैं. चीन इस क्षेत्र के लगभग 90% हिस्से पर दावा करता है, जिसे वह नाइन-डैश लाइन के रूप में प्रस्तुत करता है. 

फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र के कुछ हिस्सों पर दावा करते हैं. यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों, जैसे तेल और गैस के भंडार, और समृद्ध मत्स्य संसाधनों के लिए भी महत्वपूर्ण है. इसके अलावा यह क्षेत्र वैश्विक व्यापार के लिए एक प्रमुख समुद्री मार्ग है.

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