Covid Cases in China: याद करिए कि किस तरह से 2019-2020 में कोरोना के मामले में चीन ने झूठ बोला था. असर क्या हुआ था पूरी दुनिया ने देखा. एक बार फिर कोरोना अपने बदले स्वरूप में चीन में कहर बरपा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे, युवा और बुजुर्ग इस वेरिएंट का शिकार हो रहे हैं, लेकिन चीन ने सबकी जुबां पर ताला लगा दिया है.
Trending Photos
Coronavirus Death Case China: क्या कोरोना वायरस का जेएन.1 वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट की तरह कहर बरपाएगा. या हम सब कुछ अधिक चिंतित हैं. इन सबके बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जो आंकड़े दिए हैं वो डराने वाले हैं. पिछले चार हफ्तों में कोरोना के मामलों में वैश्विक स्तर पर 52 फीसद का उछाल देखा गया है. दुनिया के अलग अलग देशों में करीब साढ़े आठ लाख कोविड केस सामने आए हैं. इन सबके बीच चीन में कोरोना का जेएन.1 वेरिएंट कहर बरपा रहा है. इसकी जद में ज्यादातर बच्चे और बुजुर्ग में है. इसकी वजह से निमोनिया के मामले बढ़े हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के पिछले सात दिनों के आंकड़ों के मुताबिक 377 लोग काल के गाल में समा चुके हैं और करीब 2 हजार लोग अस्पतालों में भर्ती हैं.
मीडिया रिपोर्ट में दावा
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन में कथित तौर पर JN.1 वैरिएंट के कारण होने वाले संक्रमण के कारण मृत्यु दर में इजाफा हुआ है. द एपोच टाइम्स के मुताबिक कोविड से होने वाली मौतों में वृद्धि के कारण देश के श्मशान घाट चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. चीन में हाल ही में खासकर बच्चों में निमोनिया के केस में इजाफा हुआ है. हेनान प्रांत में स्थानीय लोगों ने कथित तौर पर खुलासा किया कि सरकार द्वारा संचालित शवदाहगृह पूरे दिन और यहां तक कि रात के दौरान भी चल रहे हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कई स्थानीय लोग बुखार और सर्दी से पीड़ित हैं और सभी स्थानीय अस्पताल भरे हुए हैं.
कोरोना बोलने की मनाही
हेनान प्रांत के नानयांग शहर के निवासी झोउ जियांग (बदला हुआ नाम) के मुताबिक लोगों को अपनी बीमारी को कोविड कहने की अनुमति नहीं है.झोउ के हवाले से कहा गया है कि अब उन्हें यह कहने की अनुमति नहीं है कि यह कोविड-19 से संबंधित है. वे बुजुर्ग मरीजों के संक्रमण को उनकी पहले से किसी बीमारी को जिम्मेदार बता रहे हैं. मरीजों के कोविड-19 परीक्षण कराने के अनुरोध को खारिज कर दिया जाता है. और जब वे डॉक्टरों से कोविड के बारे में पूछते हैं तो वे कुछ भी नहीं बताते. दरअसल सभी जानते हैं कि यह अभी भी कोविड-19 है. ऐसा माना जाता है कि मौत जेएन.1 के कारण हुई है, जो वर्तमान में 41 देशों में मौजूद कोविड के ओमिक्रॉन संस्करण के वंश से है.
24 घंटे अंतिम संस्कार
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में जेएन.1 को मूल वंश बीए.2.86 से एक अलग प्रकार की रुचि (वीओआई) के रूप में वर्गीकृत किया है। इसे पहले BA.2.86 सबलाइनेज के भाग के रूप में VOI के रूप में वर्गीकृत किया गया था. जबकि WHO का दावा है कि JN.1 के कारण होने वाला संक्रमण हल्का है, एपोच टाइम्स ने बताया कि मृत्यु दर में युवा और बूढ़े शामिल हैं. झोउ ने कहा कि बुजुर्गों के अलावा युवा और बच्चे भी मर रहे हैं. लेकिन उनकी मौतों से निपटना अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण है. रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए इसके बारे में जानना ही काफी होगा. झोउ ने कहा कि उन्होंने अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हाल के दिनों में दो बार श्मशान घाट का दौरा किया और देखा कि वहां भीड़ हो रही थी. रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि श्मशान घाट में काम करने वाले उनके दोस्त ने बताया कि अब वो 24 घंटे काम कर रहे हैं. अंतिम संस्कार गृह में आठ श्मशान घाट हैं. सभी में 24 घंटे शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है जो बेहद डरावना है.