Plastiglomerate Rock: कुदरत को खतरे का नया संकेत मिल गया है. दुनिया के एक बड़े देश में प्लास्टिक के पत्थर (Plastic Stones) मिले हैं और ऐसा इंसान की तरफ से फैलाई जा रही गंदगी और प्रदूषण (Pollution) की वजह से हुआ है. प्लास्टिक के पत्थर मिलने से वैज्ञानिक चिंता में पड़ गए हैं क्योंकि ऐसे पत्थर मिलने का मतलब है कि प्लास्टिक जमीन में समाकर मिट्टी के साथ मिल गई और काफी नीचे तक चली गई है. ऐसे में मिट्टी और प्लास्टिक के मिश्रण से ये पत्थर बने हैं. वैज्ञानिक इसे जीवन के लिए बेहद खतरनाक मान रहे हैं. आइए जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने इसे क्या नाम दिया है और इससे क्या खतरा है?
बता दें कि प्लास्टिक के ये पत्थर साउथ अमेरिका महाद्वीप के बड़े देश ब्राजील (Brazil) में पाए गए हैं. यहां त्रिनडेड आइलैंड पर वैज्ञानिकों को खतरनाक नजारा दिखा है. उन्हें बीच पर समुद्र के किनारे प्लास्टिक के पत्थर मिले हैं. इसको लेकर वैज्ञानिकों ने अपनी रिसर्च शुरू कर दी है.
जान लें कि प्लास्टिक के इन पत्थरों को प्लास्टिग्लोमरेट कहा जाता है. दरअसल ये प्लास्टिक, रेत और अन्य पदार्थों के मिश्रण से बने हैं इसलिए इनका नाम प्लास्टिग्लोमरेट पड़ा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इंसानों द्वारा फैलाए जा रहे कचरे का नतीजा है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, आईलैंड पर यह कचरा फिशिंग के जाल और अन्य गंदगी की वजह से हुआ है. प्लास्टिक पिघलकर पत्थरों के साथ मिल गई है और सूखकर पत्थर जैसी ही हो गई है. इससे जलीय जीवों समेत अन्य जानवरों की जिंदगी को भी खतरा हो गया है.
जिस त्रिनडेड आइलैंड पर प्लास्टिक वाले पत्थर यानी प्लास्टिग्लोमरेट पाए गए हैं वह ब्राजील के मेनलैंड से करीब 1100 किलोमीटर दूर है. यहां पत्थरों का नया स्वरूप देखने को मिल रहा है. यह पर्यावरण को प्रभावित कर रहा है.
गौरतलब है कि त्रिनडेड आइलैंड टर्टल्स का कंजर्वेशन एरिया है. यहां हर साल हजारों की संख्या में कछुए आते हैं. अंडे देते हैं. प्लास्टिग्लोमरेट अब टर्टल्स के लिए खतरा बने हुए हैं. हालांकि, इसके अलावा यहां अधिकतर ब्राजील की नेवी के जवान ही हैं.
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