एक्सपर्ट्स के मुताबिक ताइवान एक मजबूत पूर्व वार्निंग सिस्टम का इस्तेमाल करता है. देश में मॉर्डन भूकंपीय बिल्डिंग कोड भी है. सरकारी एजेंसियां और म्यूनिसिपल नए निर्माण की लगातार जांच करते हैं. इसके अलावा ताइवान की आबादी लगातार भूकंपीय गतिविधियों की आदी है.
ताइवान अपने को भूकंप से बचाने में कितान आगे बढ़ा है इसका अंदाजा 1999 के विनाशकारी जीजी भूकंप और आज के हालात की तलुना से किया जा सकता है. जीजी भूकंप में 2415 लोगों की मौत हुई थी, 11305 लोग घायल हुए थे. 51,711 इमारतें नष्ट हो गईं थीं जबकि 53,768 इमारतों को नुकसान पहुंचा है.
विनाशकारी जीजी भूकंप के बाद से ताइवान ने अपने ज्यादातर बुनियादी ढांचे को काफी डेवलप किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1 लाख इमरातों को रिडिजाइन किया गया और उन्हें अधिकतम 9 रिएक्टर के भूकंप को झेलने में सक्षम बनाया.
एनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी के भूविज्ञानी और पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता लैरी स्यू-हेंग लाई ने कहते हैं, 'तब दो हजार चार सौ लोग मारे गए और इस बार, हमारे पास केवल नौ लोगों के मरने की सूचना है। आप अंतर देखें.' लाई ताइवान में पले-बढ़े और पढ़े हैं।
एनबीसी रिपोर्ट के मुताबिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि भूकंप-संभावित क्षेत्रों में अमेरिकी शहर भी भूकंप की तैयारी के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रगति कर रहे हैं. लेकिन कोई भी ताइवान की बराबरी नहीं कर सकता है.
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