नई दिल्ली: छठ महापर्व की शुरुआत होने वाली हैं. 5 नवंबर से छठ पर्व की शुरुआत होगी. 5 नवंबर को नहाय-खाये होगी. वहीं पर्व का समापन 8 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर होगा. देशभर में छठ का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. छठ पूजा में व्रत करने वाली महिलाएं नाक तक सिंदूर लगाती है. आइए जानते हैं आखिरकार छठ पूजा के दौरान महिलाएं नाक तक सिंदूर क्यों लगाती हैं.
नाक से क्यों लगाया जाता है सिंदूर
नाक से सिंदूर लगाने पीछे मान्यता है कि जितना लंबा सिंदूर होगा उतनी ही लंबी पति की उम्र होगी. पति की लंबी उम्र के लिए नाक से सिंदूर लगाया जाता है. छठ के दौरान नाक से सिंदूर इसलिए लगाया जाता है ताकि मां छठी की कृपा बनी रहे.
करियर में तरक्की
मान्यता के अनुसार सिंदूर पति की तरक्की को भी दर्शाती है. माना जाता है कि सिंदूर की रेखा जितनी लंबी होगी पति की तरक्की की गुंजाइश भी अधिक होगी. इसी वजह से महिलाएं नाक से सिंदूर लगाती हैं.
संतरी रंग का सिंदूर ही क्यों
बिहार-झारखंड में किसी भी शुभ काम में महिलाएं संतरी रंग का सिंदूर नाक से लगाती हैं. मान्यता है कि नारंगी सिंदूर की तुलना सूरज की लालिमा से की जाती है, छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा की जाती है. उगता हुआ सूरज की लालिमा संतरी रंग की होती है. इसी वजह से संतरी सिंदूर लगाया जाता है.
भगवान को चढ़ाया जाता है
कथा के अनुसार जब हनुमान जी को पता चला था कि मां सीता श्री राम की लंबी उम्र के लिए सिंदूर लगाती हैं, तो उन्होंने अपने पूरे शरीर पर नारंगी रंग का सिंदूर लगा लिया था. हनुमान भगवान को संतरी रंग का सिंदूर चढ़ाया जाता है. भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए छठ में महिलाएं संतरी रंग का सिंदूर लगाती हैं.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
ये भी पढ़ें- Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा पर अपनों को भेजें ये खास संदेश, WhatsApp पर ऐसे दें विशेष बधाई
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.