Jan Suraaj: प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी का चिन्ह 'स्कूल बैग' क्यों चुना?

Jan Suraaj Party Symbol: किशोर ने आरोप लगाया कि पिछले 35 वर्षों में राजद और जदयू सुप्रीमो क्रमश: लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की सरकार में बिहार के बच्चों की पीठ से स्कूल बैग हटा दिया गया है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Nov 2, 2024, 06:20 PM IST
  • प्रशांत किशोर का नीतीश व भाजपा सरकार पर आरोप
  • कहा- बच्चों की पीठ से स्कूल बैग हटा दिया गया
Jan Suraaj: प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी का चिन्ह 'स्कूल बैग' क्यों चुना?

Prashant Kishor: जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर ने शनिवार को बिहार में उपचुनाव से पहले चुनाव आयोग द्वारा आवंटित पार्टी के चुनाव चिन्ह के बारे में बात की. चुनाव आयोग ने तरारी, रामगढ़, बेलागंज और इमामगंज विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए जन सुराज द्वारा मैदान में उतारे गए सभी चार उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह 'स्कूल बैग' आवंटित किया है.

गया में पत्रकारों से बात करते हुए किशोर ने आरोप लगाया कि पिछले 35 वर्षों में राजद और जदयू सुप्रीमो क्रमश: लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार की सरकार में बिहार के बच्चों की पीठ से स्कूल बैग हटा दिया गया है.

उन्होंने कहा, '...लालू-नीतीश के 35 वर्षों के राज में बिहार के बच्चों की पीठ से स्कूल बैग हटाकर उन पर मजदूरी की बोरी बांध दी गई है. जन सुराज की सोच यही है कि बिहार के लोगों की गरीबी दूर करने का रास्ता स्कूल बैग है, रोजगार का रास्ता स्कूल बैग है और अगर बिहार में पलायन रोकना है तो उसका रास्ता स्कूल बैग है.'

उन्होंने कहा, 'इसीलिए जन सुराज का चुनाव चिन्ह स्कूल बैग है, क्योंकि शिक्षा से ही लोगों का विकास हो सकता है, गरीबी को मिटाया जा सकता है...'

'जात और भात को वोट देना बंद करें'
इस सप्ताह की शुरुआत में प्रशांत किशोर ने बिहार के लोगों से 'जाट' (जाति) और 'भात' (मुफ्त राशन) के आधार पर राजनीतिक दलों का समर्थन करना बंद करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि यह मतदान व्यवहार राज्य के निरंतर पिछड़ेपन का कारण बन रहा है.

किशोर एक प्रमुख राजनीतिक रणनीतिकार हैं. उन्होंने बिहार में लगातार सरकारों और केंद्र में नरेंद्र मोदी प्रशासन द्वारा अपने गृह राज्य के साथ किए गए व्यवहार की भी आलोचना की.

किशोर ने रैली में कहा, 'लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूरे बिहार को 35 साल तक 'जात' में फंसाए रखा. पिछले 10 सालों से मोदी पांच किलो 'भात' के बदले आपको ठग रहे हैं. अगर आप अपने और अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य चाहते हैं, तो आपको 'जात' और 'जात' के लिए वोट करना बंद कर देना चाहिए.'

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