नई दिल्ली: हमारे समाज में दीपावली के अवसर पर अपने रिश्तेदारों, प्रियजनों और दोस्तों को उपहार देने का चलन है. इसलिए दीपावली से पहले उपहार में क्या दिया जाए और क्या न दिया जाए, इसके लिए हम कई चीजें खरीदते हैं. कई बार हम जाने-अनजाने ऐसी चीजें उपहार स्वरूप दे देते हैं, जिसके प्रभाव के बारे में हमें जानकारी नहीं होती है.
आइए जानते हैं कि दिवाली पर्व पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को उपहार में क्या चीजें नहीं देनी चाहिए
कांच की वस्तुएं गिफ्ट में नही दें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दिवाली पर दिए गए उपहार से न केवल लेने वाले बल्कि देने वाले की भी किस्मत बनती बिगड़ती है. इसलिए इस शुभ दिन पर कांच की वस्तुएं नहीं देनी चाहिए क्योंकि कांच में चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है. एक तो कांच के टूटने का डर रहता है, जिससे चोट लगने की आशंका रहती है और दूसरा कांच के टूटने से कुंडली में चंद्रमा की शुभ स्थिति बिगड़ जाती है और उसके अशुभ प्रभाव का सामना करना पड़ता है.
ताजमहल की आकृति दिवाली गिफ्ट में न दें
बहुत से लोग दिवाली उपहार में ताजमहल की आकृति दे देते हैं, लेकिन ताजमहल की आकृति उपहार स्वरूप देना शुभ नहीं माना जाता है. क्योंकि ताजमहल एक मकबरा ही है, इसलिए हमें इस तरह का कोई भी वस्तु दीपावली पर उपहार स्वरूप नहीं देनी चाहिए.
नुकीली वस्तु गिफ्ट में नहीं दें
चाकू, कैंची या कटलरी सेट जैसी धारदार व नुकीली वस्तुएं धनतेरस व दीपावली पर खरीदनी नहीं चाहिए और न ही भेंट स्वरूप किसी को देनी चाहिए. साथ ही ऐसी कोई भी वस्तु जिसमें तीखे किनारे हों क्योंकि इन चीजों पर शनि और केतु का अधिकार होता है. इन चीजों के खरीदने और देने से अशुभता के साथ-साथ घर में कलेश और बीमारियां अपना घर बना लेती हैं
किसी को रूमाल और इत्र गिफ्ट में ना दें
दिवाली पर रुमाल या इत्र भी किसी को भी उपहार में नहीं देना चाहिए क्योंकि रुमाल एक ऐसी वस्तु होती है, जिसको देने से शुक्र ग्रह कुंडली में खराब हो जाते हैं. वहीं शुक्र सांसारिक सुख, प्रेम, भौतिक सुख-सुविधा के कारक ग्रह हैं. वहीं परफ्यूम भी शुक्र ग्रह का ही कारक माना गया है. अगर किसी का शुक्र ग्रह अच्छा है, तो वह किसी को परफ्यूम देता है, तो वह अपना सौभाग्य उसे दे रहा है. इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
जूते चप्पल किसी को गिफ्ट में ना दें
जूते-चप्पल जैसी चीजें कभी भी दिवाली गिफ्ट में नहीं देनी चाहिए. ऐसी चीजें देने से घर में दरिद्रता आती है और सुख-शांति खत्म हो जाती है. इन चीजों का देने का मतलब होता है कि हम अपना भाग्य किसी और को दे रहे हैं. साथ ही इन चीजों के देने से आर्थिक तंगी पैदा हो जाती है.
धातू की मूर्ति किसी को गिफ्ट में ना दें
धनतेरस या दीपावली पर किसी को भी उपहार स्वरूप अष्टधातु से बनी हुई वस्तु, मिश्रित धातु, एलुमिनियम के बर्तन या फिर बहुत से लोग गणेश-लक्ष्मी और कुबेर अंकित सोने-चांदी के सिक्के उपहार स्वरूप दे देते हैं, जो कि बहुत गलत बताया गया है. किसी को भी ऐसी चीजें उपहार स्वरूप नहीं देना चाहिए. साथ ही किसी को गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा उपहार स्वरूप न दें. मान्यता है कि ऐसा करने से आप अपना सौभाग्य किसी और को दे रहे हैं. अर्थात अपनी लक्ष्मी किसी और के हाथ में दे रहे हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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