नई दिल्ली: जब जीवन में सारे दरवाजे बंद होते दिखे. आप जब ऐसा महसूस करने लगे कि हमारे लिए अब कोई विकल्प नहीं बचा है, तो यह आपकी बड़ी भूल है. परमात्मा ने कभी किसी के लिए दरवाजे बंद नहीं किये. हां वहां तक पहुंचने का मार्ग हर जातक अपने-अपने तरीके से अपनाता है.
जीवन में असफलताओं से न हों निराश
जीवन के खुशहाली के लिए, यह जीवन को सही तरीके से चलने के लिए सिर्फ पूजा पाठ और भगवान का ही आर्शीवाद नहीं चाहिए. हमें उन सभी का अशीर्वाद चाहिए जिससे हमारा तारतम्य है. जितनी बड़ी हम बाहर की दुनिया की दुनिया को देखते हैं, उससे बड़ा संसार हमारे भीतर भी है. लेकिन भीतर की बात कोई सुनना नहीं चाहता. परेशानियों का त्वरित स्तर पर समाधान बाहर ढूंढने लगते हैं. जिसमें उन्हें कभी-कभी असफलता हाथ लगती है और वह अपने जीवन से निराश हो जाते हैं. ये जो हमारा जीवन है इसपर पूर्वजों का भी कर्ज है, जिसे हम उतारना तो दूर याद करना भूल गये हैं.
अमावस्या के दिन ये काम करने से दूर होते हैं कष्ट
आज तो लोग कुल देवी देवताओं को भूल ही गये हैं. जबकि वह हमारे आस-पास हमेशा रहते हैं और अपनी उपस्थिति का अहसास भी कराते हैं. फिर भी हम अनजान बने रहे हैं. कभी -कभी उन अहसासों पर भी गौर कीजिए और अपने कुल देवी देवताओं का स्मरण कीजिए. अमावस्या के दिन अपने पूर्वजों को याद जरूर कीजिए. उनके नाम पर कुछ मत कीजिए सिर्फ एक दीपक जला दीजिए. इतने में वह खुश हो जायेंगे. और आपकी समस्या का समाधान भी कर देंगे.
नजर के दोष से बचने के लिए करें ये उपाय
अगर आपको लगता है कि आपका बेटा नजर दोष का शिकार हो गया है, तो आप एक सफेद चौकोर कपड़े में 11 लौंग, 11 काली मिर्च और थोड़ा समुदी नमक लेकर उसे पोटली बना लें और अपने बेटे सिर से 11 बार उल्टा घूमकार उस पोटली को बहते पानी में प्रवाहित करे दें. उसपर से नजर दोष उतर जायेगा. देवी आप जरूर कृपा करेगी.
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