नई दिल्ली: ओम राउत की फिल्म 'आदिपुरुष' (Adipurush) पर जमकर बवाल हो रहा है. रामायण की तर्ज पर बनी प्रभास (Prabhas), कृति सेनन और सैफ अली खान की फिल्म का देशभर के अलग-अलग हिस्सों में विरोध किया जा रहा है. फिल्म की आलोचना करने वालों में अब 'महाभारत' के युधिष्ठिर यानी एक्टर गजेंद्र चौहान (Gajendra Chauhan) का नाम भी शुमार हो गया है. उन्होंने फिल्म को ट्रोल किए जाने पर अपनी राय दी है.
इसलिए नहीं देखने गए Adipurush
एक इंटरव्यू में गजेंद्र चौहान ने इस फिल्म के डायलॉग्स और मनोज मुंतशिर को लेकर भी काफी कुछ कहा है. इसी के साथ उन्होंने खुलासा किया कि टिकट खरीदने के बावजूद वह इस फिल्म को देखने के लिए नहीं गए. एक्टर ने कहा, 'मैं टिकट खरीदने के बाद भी फिल्म देखने नहीं गया. मेरी आत्मा को यह गवारा ही नहीं हुआ. फिल्म का ट्रेलर और कई छोटी-छोटी क्लिप्स देखने के बाद मुझे एहसास हुआ कि ये फिल्म देखने लायक ही नहीं है.'
गजेंद्र ने दिए साजिश के संकेत
गजेंद्र चौहान ने आगे कहा, 'मैं भगवान राम को हमेशा प्रभु श्रीराम के रूप में देखना चाहता हूं. मुझे ऐसा लगता है कि इस फिल्म को बनाने के पीछे एक गहरी साजिश रची गई है, जिसके तहत हमारी आने वाली पीढ़ी को बर्बाद कर देना चाहते हैं. मैं भूषण कुमार जी से सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि वे सभी चीजों का उतनी ही ईमानदारी से रखे, जितनी उनके पिता ने रखी थी. भविष्य में इस तरह की चीजों को महत्व न दिया जाए.'
मेकर्स को मिली सजा- गजेंद्र
'आदिपुरुष' के कुछ डायलॉग्स बदले जाने की बात पर गजेंद्र चौहान ने कहा, 'अब तो तीर कमान से निकल चुका है. जो नुकसान होना था हो गया. आप चाहे अब इसे कितना भी सुधारने की कोशिश करें, यह नहीं बदलने वाला. इससे कोई फायदा नहीं होगा. फिल्म के मेकर्स को तो लोगों ने पहले ही सजा दे दी है. आप बॉक्स ऑफिस पर फिल्म के पहले दिन का और अब का कलेक्शन उठाकर देख लीजिए.'
गजेंद्र ने की फिल्म पर बैन लगाने की मांग
एक्टर ने अपनी बात पूरी करते हुए कहा, 'वे लोग सजा के पात्र हैं और उन्हें सजा जरूर दी जानी चाहिए. मैं सेंसर बोर्ड के फैसले से भी हैरत में हूं. उनसे भी पूछताछ की जानी चाहिए. ये फिल्म तो रिलीज ही नहीं होनी चाहिए थी. इस फिल्म को बैन कर देना चाहिए था. सरकार को इसे तुरंत रोक देना चाहिए.'
मनोज मुंतशिर के बारे में गजेंद्र ने कही ऐसी बात
इसके अलावा गजेंद्र चौहान ने फिल्म के डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर को लेकर बात करते हुए कहा, 'उन्हें किसी बात का कोई ज्ञान नहीं है. वह एक संगीतकार हैं, जिन्हें अब संवाद लिखने के लिए कह दिया गया था. उन्होंने जो संवाद लिखे हैं, वो सोशल मीडिया वीडियोज पर चलते रहते हैं. वहीं से उठाकर उन्होंने संवाद लिख दिए. जैसे कुमार विश्वास का डायलॉग है, 'तेरी लंका लगा दूंगा.' इसी को जोड़कर उन्होंने फिल्म के संवाद लिख दिए. वह जिद्दी बने हुए हैं और इस तरह का अहंकार कलाकारों के लिए बिल्कुल ठीक नहीं है.'
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