गोली लगने के बाद भी आतंकियों को खदेड़ा, अपने साथियों को बचाया, अब असाधारण साहस के लिए शौर्य चक्र

भारतीय वायुसेना में कॉर्पोरल दाभी संजय हिफ्फाबाई को उनके असाधारण साहस और अनुकरणीय वीरता के लिए 'शौर्य चक्र' से सम्मानित किया गया है. गोली लगने से जख्मी होने के बावजूद उन्होंने आतंकवादियों का मुकाबला किया और उनको पीछे हटने पर मजबूर किया. संजय की इस वीरता से उनके अन्य साथी सकुशल बच सके.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 26, 2025, 11:00 AM IST
  • वाहन पर आतंकियों ने किया था हमला
  • उनके शरीर पर गोलियां और छर्रे लगे
गोली लगने के बाद भी आतंकियों को खदेड़ा, अपने साथियों को बचाया, अब असाधारण साहस के लिए शौर्य चक्र

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना में कॉर्पोरल दाभी संजय हिफ्फाबाई को उनके असाधारण साहस और अनुकरणीय वीरता के लिए 'शौर्य चक्र' से सम्मानित किया गया है. गोली लगने से जख्मी होने के बावजूद उन्होंने आतंकवादियों का मुकाबला किया और उनको पीछे हटने पर मजबूर किया. संजय की इस वीरता से उनके अन्य साथी सकुशल बच सके.

वाहन पर आतंकियों ने किया था हमला

पर्यावरण सहायता सेवा सहायक कॉर्पोरल दाभी को 4 मई 2024 को यूनिट ऑपरेशन स्थान से 40 किमी दूर स्थित भारतीय सेना फील्ड सप्लाई डिपो से यूनिट के लिए राशन एकत्रित करने के लिए एक सशस्त्र एस्कॉर्ट के रूप में तैनात किया गया था. फील्ड सप्लाई डिपो से लौटते समय यूनिट ऑपरेशन से 1.5 किमी दूर जम्मू-कश्मीर स्थित शाहसितार में डोबा रिज के पास तीन आतंकवादियों ने उनके वाहन पर घात लगाकर हमला किया.

उनके शरीर पर गोलियां और छर्रे लगे

घात लगाकर किए गए हमले के समय वह अपने दो साथी सशस्त्र एस्कॉर्ट्स के साथ अपनी निर्धारित भूमिका के अनुसार, केबिन की पिछली सीट की बाईं ओर बैठे थे. दो तरफ से भारी और छोटे हथियारों से गोलीबारी और ग्रेनेड हमले के कारण उनके दाहिने हाथ में गोलियां लगीं और चेहरे के साथ ही ऊपरी शरीर पर कई छर्रे लगे. गोली लगने और खून बहने के बाद भी उन्होंने संयम बनाए रखा, चतुराई से खुद को संभाला और आतंकियों पर अपने निजी हथियार (एके-103) से बाईं ओर की खिड़की से जवाबी गोलीबारी शुरू कर दी.

आतंकियों को पीछे हटने पर किया मजबूर

उन्होंने आतंकियों के हमले का सबसे पहले जवाब दिया और विभिन्न दिशाओं में आतंकवादियों की ओर गोलीबारी करना जारी रखा. उनकी सामरिक गोलीबारी के कारण आगे बढ़ रहे आतंकवादियों में से एक को वाहन से केवल 20 मीटर की दूरी पर स्थित एक बोल्डर के पीछे छिपना पड़ा. हालांकि, दाभी ने उनके मकसद को समझ लिया और छिपे हुए आतंकवादी की संभावित स्थल की ओर गोली चलाना जारी रखा, जिससे मदद मिली और अंत में आतंकवादियों को पास के जंगल में पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा.

कॉर्पोरल दाभी के इस साहसिक कार्य के कारण उनकी टीम के सदस्यों के कीमती जान बची और सेना की संपत्ति एवं अन्य संपत्ति सुरक्षित रही. प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, उन्होंने अपने निजी मोबाइल से यूनिट के साथ संचार स्थापित किया और गोलीबारी स्थल की स्थिति की जानकारी दी.

इसके परिणामस्वरूप आवश्यक चिकित्सा सहायता के साथ तत्काल रेस्क्यू टीम को भेजा गया. भारतीय वायुसेना में 28 दिसंबर 2011 को कॉर्पोरल दाभी संजय हिफ्फाबाई को पर्यावरण सहायता सेवा सहायक के रूप में नामांकित किया गया था. वह 3 अक्टूबर 2023 से प्रभावी ट्रांसपोर्टेबल रडार यूनिट में पदस्थापित हैं.

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