नोएडा अथॉरिटी की CEO को सुप्रीम राहत, हाई कोर्ट के आदेश को लेकर CJI बोले- यह सही तरीका नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े अवमानना के एक मामले में नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर अगले आदेश तक शुक्रवार यानी आज अंतरिम रोक लगा दी.

Written by - Abhishek Dubey | Last Updated : May 13, 2022, 10:56 PM IST
  • नोएडा अथॉरिटी की सीईओ के खिलाफ NBW जारी करने का मामला
  • सुप्रीम कोर्ट ने 12 लोगों को भेजा नोटिस और उनसे जवाब मांगा है
 नोएडा अथॉरिटी की CEO को सुप्रीम राहत, हाई कोर्ट के आदेश को लेकर CJI बोले- यह सही तरीका नहीं

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण से जुड़े अवमानना के एक मामले में नोएडा अथॉरिटी की सीईओ ऋतु माहेश्वरी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर अगले आदेश तक शुक्रवार यानी आज अंतरिम रोक लगा दी.

सुप्रीम कोर्ट ने 12 लोगों को भेजा नोटिस
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमन्ना, न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने सीईओ की याचिका पर नोएडा के अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट और जिला मजिस्ट्रेट समेत 12 लोगों को नोटिस भेजा और जवाब मांगा है.

पीठ ने कहा, ‘नोटिस जारी किया जाता है. पूर्व के आदेश में एनबीडब्ल्यू पर लगाई रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी. मामले को सुनवाई के लिए जुलाई में सूचीबद्ध करें.’

सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
सुप्रीम कोर्ट ने आईएएस अधिकारी के उच्च न्यायालय में पेश होने में देरी के आधार पर हाई कोर्ट की तरफ से एनबीडब्ल्यू जारी करने को लेकर नाराजगी जतायी थी. सीजेआई ने कहा, ‘यह (उचित) तरीका नहीं है.’

पीठ ने यह भी कहा कि यह चलन हो गया है जब प्राधिकारी मुआवजे का भुगतान किए बिना जमीन का अधिग्रहण कर लेते हैं.

न्यायमूर्ति एस ए नजीर और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की एक दूसरी पीठ ने 11 मई को राहत प्रदान की थी और मामले की सुनवाई 13 मई तक के लिए स्थगित कर दी थी, क्योंकि न्यायमूर्ति मुरारी सुनवाई से अलग हो गए थे.

न्यायमूर्ति नजीर ने कहा था, ‘चूंकि मामला अत्यावश्यक है, इसलिए प्रधान न्यायाधीश से उचित निर्देश लेने के बाद शुक्रवार को मामले को फिर से सूचीबद्ध किया जाए. इस बीच, अंतरिम आदेश जारी रहेगा.’

उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ भारतीय प्रशासनिक सेवा की वरिष्ठ अधिकारी ऋतु माहेश्वरी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए थे.

रोहतगी ने कहा था, 'यह एक गंभीर मामला है, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष एक महिला पेश हुई, उसका वकील मौजूद था और उसने सुनवाई बाद में करने का अनुरोध किया. उच्च न्यायालय ने महिला को हिरासत में पेश करने का निर्देश दिया.'

'अदालत के आदेशों का सम्मान नहीं कर रहे अफसर'
शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा था कि यह एक नियमित मामला बन गया है कि उत्तर प्रदेश के अधिकारी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेशों के खिलाफ उसके पास आ रहे हैं और वे अदालत के आदेशों का सम्मान नहीं करते हैं.

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी माहेश्वरी ने भूमि अधिग्रहण से संबंधित अवमानना के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया है. अधिकारी के समय पर पेश नहीं होने के कारण उच्च न्यायालय का यह आदेश आया था.

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