क्यों गणतंत्र दिवस के लिए चुना गया '26 जनवरी' का दिन, जानें क्या है भारत के संविधान से जुड़ी वो बात

Republic Day 2025: हर भारतीय के लिए 26 जनवरी का दिन बेहद खास है, जिसे हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते आए हैं. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी का दिन ही क्यों गणतंत्र दिवस के लिए चुना गया? चलिए आज इसका जवाब जानने की कोशिश करते हैं.

Written by - Bhawna Sahni | Last Updated : Jan 21, 2025, 09:59 AM IST
    • 26 जनवरी का दिन क्यों है बेहद खास
    • संविधान क्यों हुआ 26 जनवरी को लागू
क्यों गणतंत्र दिवस के लिए चुना गया '26 जनवरी' का दिन, जानें क्या है भारत के संविधान से जुड़ी वो बात

Republic Day 2025: 26 जनवरी, 1950 का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास है. यही वो दिन है जब भारत में संविधान का जन्म हुआ था. इसी संविधान की शपथ लेकर आज अदालतें किसी भी मामले में अपना फैसला सुनाती हैं. हालांकि, इससे पहले हमारा देश कितने ही वीरों की कुर्बानियां देख चुका था. ये दिन वैसे तो कई मायनों में बहुत खास है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणतंत्र दिवस के लिए 26 जनवरी के दिन को ही क्यों चुना गया? चलिए आज इसी सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं.

15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों से आजाद होने के बाद 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया. तब से आज तक इस दिन को पूरा देश गर्व और खूब जोर-शोर से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता आ रहा है.

26 नवंबर, 1949 को स्वीकारा गया संविधान

देश को आजादी तो मिल गई थी, लेकिन अब तक इसके पास आधिकारिक संविधान नहीं था. ऐसे में 29 अगस्त, 1947 को एक समिति बनाई गई, जो संविधान का मसौदा तैयार करने वाली थी. इस समिति का नेतृत्व कर रहे थे डॉ. बी. आर. अंबेडकर. इस संविधान को पूरी तरह बनकर तैयार होने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का वक्त लग गया. कई बैठकों के बाद 26 नवंबर, 1949 को देश के संविधान को संविधान सभा में स्वीकार कर लिया गया. इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू किया गया.

इसलिए चुना गया 26 जनवरी का दिन

संविधान 26 जनवरी को लागू करने का मुख्य कारण था देश की पूर्ण रूप से स्वतंत्रता. दरअसल, 26 जनवरी, 1930 के दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज यानी पूर्ण स्वतंत्र घोषित किया था. इसके बीस साल बाद जब 26 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान स्वीकारा गया तो इसे लागू करने के लिए 26 जनवरी का ही दिन चुना गया यानी वो ही दिन जब देश पूर्ण स्वराज घोषित हुआ था.

हाथ से लिखा गया था संविधान

गौरतलब है कि हाथ से लिखा गया भारत का संविधान आज भी संसद की लाइब्रेरी में बिल्कुल सुरक्षित है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से लिखा हुआ संविधान माना जाता है. वहीं, 24 जनवरी, 1950 को संविधान की दो प्रतियों पर हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं में हस्ताक्षर किए गए. दरअसल, संविधान हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हाथ से लिखा गया है.

ये भी पढ़ें- पहली महिला जो विदेशी धरती पर फाइटर जेट से दहाड़ी, जानें कौन बनीं हर औरत के लिए मिसाल

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़