NASA Success Story: अंतरिक्ष में घूमते क्षुद्रग्रह के रहस्य से उठेगा पर्दा

हमारी आकाशगंगा अलग तरह के रहस्यों से भरी हुई है.  विज्ञान के जरिए इंसान इसके भेद उजागर करने में जुटा हुआ है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेन्सी नासा ने एक ऐसी ही सफलता हासिल की है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 21, 2020, 08:04 PM IST
    • नासा का यान पहुंचा क्षुद्रग्रह पर
    • सैंपल लेकर लौट रहा है वापस
NASA Success Story: अंतरिक्ष में घूमते क्षुद्रग्रह के रहस्य से उठेगा पर्दा

नई दिल्ली: आप बस कल्पना कर सकते हैं कि तेज़ दिमाग इंसान ने रहस्यों की खोज के लिए क्या-क्या नहीं किया. बात ही कुछ ऐसी है. अब सोचिए ना धरती से 20 करोड़ मील की दूरी क्या होगी? लेकिन इंसानी विज्ञान (Science) वहां तक पहुंच चुका है. 

बेन्नू क्षुद्रग्रह पर पहुंचा नासा का यान
पहले कहते थे जहां ना पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि. पर अब कवि तो कल्पना में पहुंचेगे. लेकिन विज्ञान और तकनीक की पीठ पर सवार इंसानी दिमाग़ 20 करोड़ मील दूर अपना अभियान चला रहा है.  अमेरिका (America) की अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का अंतरिक्ष यान ओसिरिस रेक्स (Osiris rex) 20 करोड़ मील दूर पहुंच गया. मात्र आधा किलोमीटर लंबे एक एस्टेरॉयड (Asteroid)  पर. इस क्षुद्र ग्रह का नाम बेन्नू है. 

वापस लौट रहा है बेन्नू
इस ऐतिहासिक सफलता के संकेतों से 20 करोड़ मील दूर धरती पर इस ऑपरेशन को अंजाम दे रहे वैज्ञानिकों की टोली झूम उठी.  ये सफलता ऐतिहासिक इसलिए भी है क्योंकि ओसिरिस रेक्स जिस मक़सद से बेन्नू पर उतरा था वो पूरा हुआ. उसने वहां से मिट्टी के नमूने लिए और वापसी के लिए रवाना हो गया है. 

एस्टेरॉयड के सैंपल जमा किए
अंतरिक्ष यान ओसिरिस रेक्स ने अतरिक्ष में जिस ऐस्टरॉइड बेन्नू से मुलाक़ात की वो एक अखरोट की तरह है.  ये छोटा ग्रह करीब साढ़े 4 करोड़ साल पुराना है. NASA के मुताबिक इस ग्रह पर कई तरह के खनिज पदार्थ हो सकते हैं. नासा का स्पेसक्राफ्ट मिट्टी का सैंपल लेकर 2023 में पृथ्वी पर वापस लौटेगा. ये कवायद यह जानने के लिए है कि धरती पर जीवन कैसे शुरु हुआ? 

दो सालों से बेन्नू पर उतरने की फिराक में था अंतरिक्षयान
ऑपरेशन मुश्किल इसलिए था ओसिरिस रेक्स पिछले 2 सालों से एस्टेरायड बेन्नू के चक्कर काट रहा था.अपने मक़सद को सफलता से पूरा करने के लिए उसकी मूवमेंट को परख रहा था. आखिरकार बड़ी बड़ी चट्टानों के बीच मात्र 8 मीटर चौड़ी सतह से सैंपल इकट्ठा करने में कामयाब रहा. अब से पहले तक किसी एस्टरॉइड से मिट्टी इकट्ठा करने वाले देशों में सिर्फ जापान था. अब अमेरिका ये ऐतिहासिक काम करने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है. लेकिन ये कामयाबी पूरे मानव जगत के लिए ऐतिहासिक है.

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