नई दिल्ली: देश में इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है और दूसरी तरफ भारत और चीन के बीच तनाव है. चीन के उत्पादों पर हमेशा खराब क्वालिटी होने का आरोप लगता है. चीन को करारा जवाब देने के लिए प्लास्टिक के उपयोग को कम करने पर विचार किया जा रहा है. यदि प्लास्टिक के प्रयोग किये बिना उत्पाद तैयार किये जायें तो क्वालिटी के मामले में चीन को पीछे छोड़ा जा सकता है और चीन के उत्पादों का उपयोग कम होगा.
प्लास्टिक टॉय बनाने के लिए बनें क्लस्टर
देश में प्लास्टिक टॉयज या बच्चों के खिलौने बनाने को बढ़ावा देने के मकसद से पीएम नरेंद्र मोदी ने अन्य कैबिनेट मंत्रियों और उच्च अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. पीएम मोदी ने तमाम मंत्रालय को आदेश दिया कि ऐसी नीति और माहौल बनाया जाए ताकि राज्यों में प्लास्टिक टॉय बनाने के लिए क्लस्टर बनाए जा सकें.
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आत्मनिर्भर भारत बनाने पर जोर
उल्लेखनीय है कि वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत मिशन को भी प्लास्टिक टॉय मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर सफल बनाने पर पीएम मोदी जोर दे रहे हैं. बता दें कि देश के बाजारों में बिक रहे बच्चों के प्लास्टिक के खिलौने में चीन का जबरदस्त दबदबा है. स्थिति ये है कि 70% प्लास्टिक खिलौने इम्पोर्ट किए जाते हैं, जबकि केवल 30-35% खिलौने ही देश मे बनते हैं.
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने बैठक में युवाओं को प्रेरित करने के लिए भी रास्ते बनाने को कहा. प्लास्टिक टॉयज में टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को भी ज़्यादा से ज़्यादा अपनाने पर पीएम ने जोर दिया.