इल्हा क्वीमाडा ग्रांडे का अर्थ है 'आग से भरा द्वीप'. यह नाम एक कहानी से लिया गया, जिसमें पर्यटक आइलैंड में पहुंचने के लिए आग का इस्तेमाल कर सांपों को भगाने की कोशिश करते हैं. यह आइलैंड एक रेनफॉरेस्ट है, जहां एक इकलौता लाइटहाउस है.
नई दिल्ली: ब्राजील के साओ पॉलो तट से लगभग 90 मील दूर 'इल्हा दा क्वीमाडा ग्रांडे' में एक स्नेक आइलैंड यानी सांपों का द्वीप है. ये द्वीप कई सारे जहरीले सांपों से भरा पड़ा है. इनके काटने पर एक ही बार में व्यक्ति की जान जा सकती है. यह आइलैंड इतना खतरनाक है कि किसी के लिए भी यहां पैर रखना अवैध है.
यह आइलैंड 2,000 से 4,000 गोल्डन लांसहेड वाइपर का घर है. सांप की ये प्रजाति दुनियाभर में सबसे खतरनाक प्रजातियों में से एक है. डेढ़ फीट तक लंबे ये जीव इस आइलैंड के अलावा दुनिया में और कहीं भी नहीं पाए जाते हैं. 'डेली स्टार' की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस सांप का जहर मुख्य भूमि के ज्यादातर सांपों से 5 गुना ज्यादा शक्तिशाली होता है.
'डेली स्टार' में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक गोल्डन लांसहेड के इस शक्तिशाली जहर का इस्तेमाल मुख्य रूप से इंसानी मांस को पिघलाने के लिए जाना जाता है. यह एक घंटे से भी कम समय में मौत का कारण बन सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक इस घातक जीव के काटने से मौत का खतरा 7 प्रतिशत होता है.वहीं इलाज के बाद भी पीड़ित को 3 प्रतिशत तक मौत का खतरा रहता है. गोल्डन लांसहेड के जहर से किडनी फेलियर, मांसपेशियों में इंफेक्शन, ब्रेन हेमरेज और आंतों से खून बहनें की समस्या हो सकती है.
इल्हा क्वीमाडा ग्रांडे का अर्थ है 'आग से भरा द्वीप'. यह नाम एक कहानी से लिया गया, जिसमें पर्यटक आइलैंड में पहुंचने के लिए आग का इस्तेमाल कर सांपों को भगाने की कोशिश करते हैं. यह आइलैंड एक रेनफॉरेस्ट है, जहां एक इकलौता लाइटहाउस है. वर्तमान में इस आइलैंड पर कोई इंसान नहीं रहता है, हालांकि साल 1909-1920 के दशक तक यहां पर कुछ लोग रहते थे, जिन्हें लाइटहाउस चलाने का काम सौंपा गया था.
ब्राजील की सरकार ने इस डरावने आइलैंड पर जाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया है. और अगर कोई यहां जाता है तो उसे अपने साथ एक डॉक्टर ले जाना अनिवार्य है. 'डेली स्टार' के मुताबिक प्रतिबंधों के बावजूद अवैध शिकारी इस आइलैंड पर घुसपैठ करते हैं. वे इन सांपों को पकड़कर ब्लैक मार्केट में बेच रहे हैं. बता दें कि गोल्डन लांसहेड सांप की कीमत 23, 000 पाउंड तक है.
स्थानीय लोककथाओं के मुताबिक कुछ समुद्री डाकुओं की ओर से इन सांपों को यहां गड़े हुए खजानों की रक्षा करने के लिए लाया गया था, हालांकि कुछ मान्यताएं ये भी हैं कि आज से 10,000 साल पहले समुद्र के बढ़ते स्तर के कारण ये जगह एक आइलैंड में बदल गया था, जिसके चलते वहां फंसे जानवरों का अलग-अलग तरीकों से विकास हुआ.