White Lung Syndrome: व्हाइट लंग सिंड्रोम के कारण की अभी भी जांच जा रही है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि यह बैक्टीरिया, वायरल और पर्यावरणीय कारणों के मिलमे के कारण होता है. इन्फ्लूएंजा या कोविड-19 जैसे वायरस, फेफड़ों को नुकसान पहुंचाकर व्हाइट लंग सिंड्रोम का कारण बन सकते हैं. माइकोप्लाज्मा निमोनिया जैसे बैक्टीरिया फेफड़ों में संक्रमण पैदा करके व्हाइट लंग सिंड्रोम का कारण बन सकते हैं.
White Lung Syndrome: अमेरिका के ओहियो में हाल ही के महीनों में निमोनिया के लगभग 150 मामले सामने आए हैं. WLWT के अनुसार, ये सभी मामले बच्चों में रिपोर्ट किए गए हैं, जिनमें मरीजों की उम्र लगभग 8 साल है. अगस्त से अब तक 142 मामले सामने आए हैं. आइए जानते हैं व्हाइट लंग सिंड्रोम के बारे में.
मिरर यूके की रिपोर्ट के अनुसार, इस बीमारी को "व्हाइट लंग सिंड्रोम" का नाम दिया गया है. दूसरी तरफ चीनी सरकार ने इसे कई अलग-अलग बीमारियों का संयोजन बताया है. इन बीमारियों में इन्फ्लूएंजा, SARS-CoV-2 (कोविड-19), RSV और माइकोप्लाज्मा निमोनिया के अलग-अलग समूह शामिल हैं.
अमेरिका के ओहियो में निमोनिया के मामलों में बढ़ोतरी बीजिंग, चीन के आसपास हुई ऐसी ही स्थिति के बाद हुई है. पिछली रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग के एक बच्चों के अस्पताल में लगभग 7,000 बच्चों को भर्ती कराया गया था.
अचानक स्वास्थ्य संकट के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ (WHO) ने चीनी सरकार से बच्चों के अस्पतालों में सांस की बीमारी के मामलों के बारे में और जानकारी मांगी गई थी.
इस संक्रमण के सबसे आम लक्षण खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत और थकान हैं. छुट्टियों के मौसम में संक्रमित होने से बचने के लिए सावधानी बरतना काफी जरुरी है.
ऐसे में आप अपने हाथ नियमित रूप से धोएं और खांसते समय अपना मुंह ढकें. अगर आप बीमार हैं तो घर पर रहें और सभी टीकाकरण करवाएं. इसके साथ ही आप सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे भी इन सभी निवारक उपायों का पालन करें.
व्हाइट लंग सिंड्रोम का इलाज इसके कारण के आधार पर अलग-अलग हो सकता है. इसमें एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल, ऑक्सीजन थेरेपी, मैकेनिकल वेंटिलेशन और कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स जैसे इलाज के विकल्प होते हैं.