नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के महान तेज गेंदबाज ब्रेट ली का मानना है कि भारत निश्चित रूप से ट्रॉफी जीतने का प्रबल दावेदार था, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की दृढ़ता ने उनसे जीत छीन ली. भारत टूर्नामेंट से पहले प्रबल दावेदार था और उसने प्रतियोगिता में परिचित परिस्थितियों में लगातार 10 मैच जीते. लेकिन, अहमदाबाद में रविवार को फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से छह विकेट से हार के बाद उनका अजेय क्रम समाप्त हो गया.
जानिए क्या बोले ली
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम 240 रन पर सिमट गई. जिसे ऑस्ट्रेलिया ने ट्रैविस हेड की 120 गेंदों में 137 रनों की शानदार पारी की बदौलत 43 ओवर में हासिल कर लिया. ब्रेट ली ने फॉक्सस्पोर्ट्स.कॉम.एयू से कहा, "यदि आप आंकड़ों पर नजर डालें और इस अभियान में क्या हुआ है, तो भारत को जीतना चाहिए था. भारत टूर्नामेंट में पसंदीदा था.
कहां हार गई टीम इंडिया
लेकिन, कभी हार न मानने की पुरानी ऑस्ट्रेलियाई मानसिकता है और यह बड़े टूर्नामेंटों में बहुत काम आती है. फाइनल मुकाबले के दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि टीम के बीच उस दृढ़ता, समर्पण और आत्म-विश्वास के साथ आप वास्तव में कुछ भी कर सकते हैं."
लीग चरण में भारत और दक्षिण अफ्रीका से हारने के बाद ऑस्ट्रेलिया के अभियान की शुरुआत खराब रही. लेकिन, उन्होंने श्रीलंका पर जीत के साथ वापसी की, जिससे विश्व कप खिताब जीतने के लिए लगातार नौ मैच जीतने का सिलसिला शुरू हुआ. 2003 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य ली ने फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के शानदार प्रदर्शन का श्रेय कप्तान पैट कमिंस को दिया.
भारत ने अपना पिछला वैश्विक खिताब 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में चैम्पियंस ट्रॉफी में जीता था. टीम को इसके बाद आईसीसी के पांच फाइनल और चार सेमीफाइनल मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा.
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