नई दिल्लीः ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स ने गल्फ क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक से लैस मिसाइलों से सैन्य अभ्यास किया. ईरानी सरकारी समाचार एजेंसी IRNA के अनुसार, गार्ड्स की नौसैनिक इकाई ने उन्नत मोहाजिर-6 और अबाबील-5 ड्रोन से गाएम और अल्मास मिसाइलें दागीं. इन मिसाइलों ने 'काल्पनिक दुश्मन के ठिकानों' को सटीकता से नष्ट किया.
AI तकनीक से लैस हैं मिसाइलें
गाएम और अल्मास मिसाइलें ईरान ने स्वदेशी रूप से विकसित की हैं. ये दोनों मिसाइलें प्रिसिशन-गाइडेड (सटीक लक्ष्य पर निशाना लगाने वाली) हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन मिसाइलों में AI तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिससे इनकी सटीकता और क्षमता में वृद्धि हुई है. ईरान का दावा है कि अब वह 1 हजार किमी से ज्यादा की दूरी तक मार करने वाली क्रूज मिसाइलें भी AI तकनीक के साथ बना रहा है.
क्यों सैन्य अभ्यास कर रहा ईरान
गार्ड्स ने शुक्रवार से देश के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्रों बुशहर और खुजेस्तान प्रांतों और गल्फ जलक्षेत्र में सैन्य अभ्यास शुरू किया. ये क्षेत्र ईरान के प्रमुख तेल और पेट्रोकेमिकल उद्योगों के लिए बेहद अहम हैं. बुशहर में ईरान का एकमात्र परमाणु ऊर्जा संयंत्र भी स्थित है. गार्ड्स के नौसेना कमांडर अलीरेजा तंगसिरी ने बताया कि इन अभ्यासों का उद्देश्य इन संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.
मिसाइल क्षमता और AI का इस्तेमाल
ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह खामेनेई ने हाल ही में अधिकारियों से कहा था कि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में महारत हासिल करें. 1979 की क्रांति के बाद ईरान ने अमेरिका से अलग होने के बाद अपनी मिसाइल और ड्रोन तकनीक में उल्लेखनीय प्रगति की है.
ट्रंप की टिप्पणी के बाद परीक्षण
इस परीक्षण से कुछ दिन पहले ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौते की बात की थी. ट्रंप ने कहा था कि वह ईरानी परमाणु ठिकानों पर हमले से बचना चाहते हैं और ईरान के साथ एक 'डील' करना पसंद करेंगे.
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