Himachal Apple: हिमाचल एप्पल को टेलिस्कोपिक कार्टन में बेचने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं, इसके लिए जरूरत पड़ी तो SDM स्तर के अधिकारियों को चालान करने की शक्ति दी जाएगी.
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Shimla News: हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन की शुरुआत हो गई है. प्रदेश सरकार ने इस साल यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का निर्णय लिया है, जिसे अब विभाग सख्ती से लागू करने वाला है. बागवानी मंत्री जगत सिंह ने कहा कि प्रदेश में सेब के लिए टेलीस्कोपिक कार्टन के इस्तेमाल पर पूरी तरह से पाबंदी होगी.
उन्होंने कहा कि प्रदेश या प्रदेश के बाहर सेब की यूनिवर्सल कार्टन का ही इस्तेमाल करना होगा. उन्होंने कहा जरूरत पड़ी तो टेलीस्कोपिक कॉटन के इस्तेमाल पर SDM स्तर के अधिकारियों को चालान करने की शक्तियां भी दी जाएंगी. हालांकि 20 किलो से कम की पैकिंग पर बागवान स्वतंत्र है.
जगत सिंह नेगी ने आगे कहा कि प्रदेश सरकार ने यूनिवर्सल कार्टन प्रदेश में लागू करने का फैसला काफी विचार विमर्श के बाद किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फैसला जल्दबाजी में नहीं किया. प्रदेश में बागवानों और बागवानी से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठकों का एक लंबा दौर चला.
इसके बाद प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन लागू किया गया. जगत सिंह नेगी ने कहा कि कुछ लोग हैं, जो यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल नहीं करना चाहते. वह अब लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं. देश में टेलिस्कोपिक कार्टन के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती. ऐसा ही चलता रहा तो यूनिवर्सल कार्टन को लागू करना मुश्किल हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश और प्रदेश के बाहर जाने वाले सेब को अब यूनिवर्सल कार्टन में ही बेचना होगा. प्रदेश और प्रदेश के बाहर टेलीस्कोपिक कार्टन के इस्तेमाल करने पर पूर्णत प्रतिबंध होगा. उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो SDM स्तर के अधिकारियों को चालान करने की भी शक्ति दी जाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि यूनिवर्सल कार्टन के इस्तेमाल को सही ढंग से लागू करने के लिए बागवानों को भी जागरूक होना पड़ेगा.
वहीं डिफॉल्टर आढ़तियों के मसले पर जगत सिंह नेगी ने कहा कि इस बारे में विभाग ने APMC को ज्यादा ताकत दी है और स्थानीय स्तर पर मुकदमा दायर करने को कहा है. उन्होंने कहा कि ज्यादातर डिफॉल्टर आढ़ती स्थानीय लोग हैं. लिहाजा बागवानों को भी ज्यादा सजग रहने की जरूरत है और ऐसी स्थिति में बागवानों को जल्द से जल्द कानूनी सहायता लेनी चाहिए.
रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला