Himachal Pradesh News: हमीरपुर शहर में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिल रहा है. इन डॉग्स की बड़ी-बड़ी टोलियां कॉलोनियों में घुस जाती हैं, जिसकी वजह से यहां के लोग घरों से बाहर निकलने से भी डरने लगे हैं.
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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर शहर में आवारा कुत्तों का खौफ इतना बढ़ गया है कि पैदल चलने वाले बुजुर्गों और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए भी ये आफत बन गए हैं. कोई गली, मोहल्ला, सड़क या चौराहा ऐसा नहीं है जहां दर्जनों कुत्ते एक साथ घूमकर लोगों के लिए आफत ना बन रहे हों.
जिला परिषद भी इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है. हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन ने नगर परिषद से इस समस्या के समाधान की मांग की है, वहीं नगर परिषद अध्यक्ष मनोज मिन्हास ने कहा कि हमीरपुर शहर के कई वार्डों से आवारा कुत्तों की शिकायतें आ रही हैं. नगर परिषद इस समस्या को हल करवाने के लिए अब पशुपालन विभाग का सहयोग लेगा.
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बता दें, कुछ महीने पहले अवारा कुत्तों की नसबंदी कराने के लिए एक अभियान भी चलाया गया था, लेकिन यह अभियान भी अब काफी समय से बंद है. हालात अब ऐसे हो गए हैं कि आवारा कुत्तों की टोलियां आवासीय कॉलोनियों में घुसकर वहां रहने वाले बच्चों के लिए खतरा बनती जा रही हैं. उनका घर से बाहर निकलकर खेलना भी मुश्किल हो गया है.
कॉलोनियों के अंदर एक साथ बड़ी तादाद में डॉग्स घूमते हैं. ऐसे में यहां के लोगों को भी अकेले घूमने में डर लगने लगा है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए आम लोगों के अलावा हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन ने भी कई बार संबंधित प्रशासन से गुहार भी लगाई है, लेकिन कोई उचित और पुख्ता कार्यवाही आज तक नहीं हो पाई है.
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हमीरपुर उपभोक्ता संरक्षण संगठन के मुख्य संरक्षक एडवोकेट सुशील शर्मा ने कहा कि हमीरपुर शहर के अलावा पास की पंचायत में भी आवारा कुत्तों की समस्या के चलते छोटे बच्चों के अलावा महिलाओं पर भी कुत्तों ने हमला किया है. उन्होंने कहा कि इस समस्या को नगर परिषद को गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द से जल्द इस समस्या के निपटारे के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए.
नगर परिषद हमीरपुर के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि आवारा कुत्तों की समस्या के निपटारे के लिए नगर परिषद ने मुहिम शुरू की थी. इसके तहत कुछ महीने पहले करीब 120 कुत्तों की नसबंदी की गई थी. इसके बाद यह अभियान अभी तक बंद पड़ा है. उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग के साथ मिलकर इसे दोबारा शुरू किया जाएगा ताकि आवारा कुत्तों की समस्या से छुटकारा मिल सके.