Himachal Pradesh में अभी भी जारी है सर्दी का सितम, मई में हो रही स्नोफॉल, जानें मौसम के इस बदले मिजाज का कितना फायदा कितना नुकसान
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Himachal Pradesh में अभी भी जारी है सर्दी का सितम, मई में हो रही स्नोफॉल, जानें मौसम के इस बदले मिजाज का कितना फायदा कितना नुकसान

Himachal Pradesh Weather News: पूरे उत्तर भारत में इन दिनों गर्मी बढ़ती जा रही है, वहीं पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सर्दी का सितम जारी है. यहां मई में भी बर्फबारी हो रही है. मौसम के इस बदले मिजाज को देखते हुए मौसम वैज्ञानिक और मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल से बातचीत की गई.  

 

Himachal Pradesh में अभी भी जारी है सर्दी का सितम, मई में हो रही स्नोफॉल, जानें मौसम के इस बदले मिजाज का कितना फायदा कितना नुकसान

संदीप सिंह/शिमला: हिमाचल प्रदेश में सर्दी का सितम जारी है. मई में भी यहां का पारा सर्दियों जैसा है. आलम यह है कि मई में भी बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी हो रही है. अमूमन ऐसा अप्रैल-मई महीने में तो देखने को नहीं मिलता है. मौसम वैज्ञानिक की मानें तो पश्चिमी विक्षोभ का ज्यादा असर हिमाचल प्रदेश में ही रहता है. ऐसे में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता ने हिमाचल के मौसम में खासा बदलाव किया है. इसी का असर है कि इन दिनों भी निचले इलाकों में तूफान, भारी बारिश और बर्फबारी देखने को मिल रही है.

आगामी मॉनसून पर असर डाल सकता है मौसम का बिगड़ा मिजाज 
अप्रैल-मई महीने में मौसम का बिगड़ा मिजाज और गिरता तापमान आगामी मॉनसून पर असर डाल सकता है. मौसम के इस बदले मिजाज के कुछ फायदे हैं तो कुछ नुकसान भी हैं. प्रदेशवासियों का कहना है कि इस तरह का मौसम किसानों और बागवानों की चिंता बढ़ा रहा है. बेमौसमी बारिश, ओलावृष्टि और बर्फबारी ने फसल और फल को खासा नुकसान पहुंचाया है. स्थानीय लोगों का मानना है कि यह बदलाव पिछले कुछ वर्षों से ही देखा गया है.

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मौसम के इस बदले मिजाज का कितना होगा फायदा है और कितना होगा नुकसान
मौसम के इस बदले मिजाज का कितना फायदा है और कितना नुकसान है इस बारे में मौसम वैज्ञानिक और मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल से बातचीत की गई. सुरेंद्र पॉल ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से प्रदेश का तापमान सामान्य से नीचे गिर गया है. इससे कई इलाकों में फसलों को फायदा होगा, जल स्त्रोत को फायदा होगा, गर्मी से राहत मिलेगी, लेकिन इसका असर मॉनसून पर भी पड़ेगा. पश्चिमी विक्षोभ लगातार हिमाचल प्रदेश में असर पैदा कर रहे हैं. इसी वजह से मई में भी बर्फबारी हो रही है. पिछले कुछ वर्षों में मौसम भी शिफ्ट हुए हैं. लाहौल-स्पीती में बीते वर्षों के मुकाबले इस साल ज्यादा बर्फबारी हुई है. मई के आगामी पांच से सात दिनों में एक बार फिर मौसम खराब होगा.

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