कोरोना महामारी ने न सिर्फ शरीर पर बल्कि मानसिक हेल्थ पर भी असर डाला है. जिसके चलते लोगों को चिंता, अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ा, इसलिए मानवता के लिए योग इस बार की थीम रखी गई है.
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धर्मशाला- हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा के ऐतिहासिक किले में आज आठवां इंटरनेशनल योग दिवस यानी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया. इस दौरान ‘मानवता के लिए योग’ का संदेश दिया गया.
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास
भारत में योग का इतिहास पुराना है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है. साल 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसकी पहल की थी. 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को पूर्ण बहुमत से पारित किया था. 193 सदस्य देशों में से 177 सदस्यों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने के प्रस्ताव को ध्वनिमत से मंजूरी दी थी.
इस बार की थीम
इस बार योग दिवस की थीम ‘मानवता के लिए योग’ रखी गई है. जानकारी के मुताबिक इस साल योग दिवस की थीम दुनिया पर कोरोना के असर को देखते हुए रखी गई है.
कोरोना महामारी ने न सिर्फ शरीर पर बल्कि मानसिक हेल्थ पर भी असर डाला है. जिसके चलते लोगों को चिंता, अवसाद जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याओं का सामना भी करना पड़ा, इसलिए मानवता के लिए योग इस बार की थीम रखी गई है.
कांगड़ा में केंद्रीय शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अगुवाई में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर, राज्यसभा सदस्य इंदू गोस्वामी, कैबिनेट मंत्री राकेश पठानिया, कैबिनेट मंत्री सरवीण चौधरी, केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतप्रकाश बंसल, कांगड़ा के ADM और SP समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारियों ने एक साथ इस योग दिवस में भाग लिया.