Adhbhut Himachal: देवता की शरण में बिना कुंडली मिलान होती है शादियां!
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Adhbhut Himachal: देवता की शरण में बिना कुंडली मिलान होती है शादियां!

Adhbhut Himachal: फासले भले ही दो जहानों के हो. मैं हर फासले को तय कर के आऊं. इस जन्म में नहीं. हर जन्म में सिर्फ तुझको ही चाहूं. अक्सर दो प्यार करने वाले कुंडली या फिर मंगल दोष, शनि भारी होने के कारण एक नहीं हो पाते, लेकिन हिमाचल में आकर आपकी ये सारी चिंता दूर हो जाएगी...

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Adhbhut Himachal की सैर: लोग कहते है बरसात प्यार का मौसम हैं, लेकिन हर मौसम में प्यार हैं. सिर्फ देखने का नजरिया होना चाहिए. अद्भुत हिमाचल की सैर में आज आपको ऐसे देवता के बारे में बताएंगे जो बिना कुंडली मिलान के भी दो प्यार करने वालों को शादी की इजाजत दे देते हैं.

 

देव बाला कामेश्वर बनूरी मंदिर...
देवभूमि हिमाचल की दैवीय शक्तियां और यहां की परंपराएं लोगों को अक्सर अचंभित कर देती हैं. ऐसा ही एक अचंभा है, जिला मंडी का देव बाला कामेश्वर बनूरी का मंदिर. 

बिना कुंडली मिलान के होती है शादी! 
अगर आपकी शादी में कुंडली बाधा बन रही है या पंडित जी भी कुंडली के हिसाब से शादी नहीं करने की हिदायत दे रहे है तो मायूस होने की जरूरत नहीं हैं. मान्यताओं के अनुसार इस मंदिर में देवता बिना कुंडली मिलान के ही शादी करवा देते हैं.

चावल के दानों से होता है समस्या का समाधान!
मान्यताओं के अनुसार ऐसे लोगों को देवता के पुजारी चावल के दानों के साथ उनकी समस्या का समाधान बताते हैं. शादी घर में करनी है या देव दरबार में यह भी देवता तय करते है. 

क्या कहती है किस्से कहानियां?
किस्से कहानियों की मानें तो एक बार मंडी रियासत में चेचक की बीमारी फैल गई. जब बीमारी ने भयंकर रूप धारण कर लिया तो राजा ने इस बीमारी को दूर करने के लिए जनपद के सभी देवताओं की परीक्षा लेनी चाही. 

उन्होंने सभी देवताओं को मंडी बुलाया और कहा कि जो इस बीमारी को दूर करेगा. उसे जागीर दी जाएगी. देव बालाकामेश्वर ने इस बीमारी को चुटकियों में खत्म कर दिया. आज भी लोग बीमारी से निजात पाने के लिए देवता की शरण में आते हैं.

जी मीडिया किसी अंधविश्वास को बढ़ावा नहीं देता...हम सिर्फ लोगों की आस्था और किस्से कहानियां अपनी खास सीरिज के जरिए आपको बताते हैं.

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