Himachal Pradesh News: प्रोजेक्ट क्लीन स्ट्रीट फूड हब के तहत हमीरपुर मुख्यालय में एफएसएएआई ने प्रोजेक्ट क्लीन स्ट्रीट हब लॉन्च किया है. इसके लिए जिला प्रशासन ने 1 कनाल भूमि भी चिन्हित कर दी है.
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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला मुख्यालय के साथ पक्का भरो में प्रोजेक्ट क्लीन स्ट्रीट फूड हब के तहत एफएसएएआई प्रोजेक्ट क्लीन स्ट्रीट हब लॉन्च करने जा रहा है, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा एक कनाल भूमि को भी चिंहित किया गया है. हमीरपुर में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के कार्यान्वयन के लिए जिला स्तरीय सलाहकार समिति की 5वीं बैठक का आयोजन उपायुक्त कार्यालय हमीरपुर में किया गया. इस बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी जितेंद्र सांजटा ने की. बैठक में सलाहकार समिति के सभी सरकारी व गैर सरकारी सदस्य मौजूद रहे.
बैठक में चालू वित्त वर्ष के दौरान खाद्य सुरक्षा एवं मानक को जिला हमीरपुर में सुदृढ़ करने की दृष्टि पर चर्चा की गई. साथ ही पिछले साल किए गए विभिन्न कार्यों की समीक्षा भी की गई. जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि जिला हमीरपुर में खाद्य व्यवसाय संचालक ऑनलाइन आवेदन प्रणाली के माध्यम से पंजीकरण और लाइसेंस के तहत जुलाई, 2023 तक हमीरपुर जिले में कुल 11001 पंजीकरण और 1057 लाइसेंस जारी किए गए हैं.
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अनिल शर्मा ने बताया कि खाद्य उत्पाद की गुणवत्ता की जांच के लिए वित्त साल 2022-23 के दौरान जिला हमीरपुर में 128 नमूने लिए गए, जिनमें 14 (8-गलतब्रांडेड, 5-घटिया, 1-असुरक्षित एवं गलतब्रांडेड) नमूने गैर-अनुरूप पाए गए और खाद्य व्यवसाय संचालक पर 63,000 का जुर्माना लगाया गया. अप्रैल 2023 से अब तक 17 नमूने लिए गए हैं और 4 नमूने अपुष्ट (4-मिसब्रांडेड) पाए गए हैं. एक प्रकरण शमन एवं 1000 रुपये का अर्थदण्ड आरोपी पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया गया.
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जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि प्रोजेक्ट क्लीन स्ट्रीट फूड हब के तहत एफएसएएआई ने एक कार्यक्रम प्रोजेक्ट क्लीन स्ट्रीट हब लॉन्च किया है, जिसके तहत लोकप्रिय स्ट्रीट फूड बेचने वाले 15 या अधिक विक्रेताओं/दुकानों/स्टॉलों का एक हब या क्लस्टर, जिनमें से 80 प्रतिशत या अधिक स्थानीय और क्षेत्रीय व्यंजनों का प्रतिनिधित्व किया जाता है और बुनियादी स्वच्छता और स्वच्छता आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा पक्काभरों के पास एक कनाल भूमि की पहचान की गई है. केंद्र सरकार की तरफ से एक करोड़ की राशि भी स्वीकृति की गई है.
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