Saraswati Puja Mantra: इस साल 14 फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. ऐसे में आपको मां सरस्वती के पूजा के वक्त इन मंत्रों का जाप करना चाहिए.
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Basant Panchami Date and Mantra: प्रत्येक साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है. बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से साधक को शिक्षा के क्षेत्र में सफलता मिलती है. साथ ही ज्ञान भी बढ़ता है. ऐसे में इस खबर में आपको बताएंगे कि खास दिन पर आपको कौन से मंत्र पढ़ने चाहिए.
Basant Panchami Date: 14 या 15 फरवरी, बसंत पंचमी कब है? जानें सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
बता दें, माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 2 बजकर 41 मिनट से हो रही है. जो अगले दिन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल 14 फरवरी को बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा.
इस दिन विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा करने से आपके और आपके परिवार में सद्बुद्धि आती है. ज्ञान के बिना कुछ भी करना व्यर्थ है. ऐसे में मां की पूजा हर किसी को जरूर करनी चाहिए.
जानिए मां सरस्वती के मंत्र (Maa Saraswati Mantra)
शारदायै नमस्तुभ्यं मम ह्रदय प्रवेशिनी, परीक्षायां सम उत्तीर्णं, सर्व विषय नाम यथा
सरस्वती गायत्री मंत्र - ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्
'ऎं ह्रीं श्रीं वाग्वादिनी सरस्वती देवी मम जिव्हायां, सर्व विद्यां देही दापय-दापय स्वाहा'
सरस्वत्यै नमो नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:
सरस्वती बीज मंत्र - ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः
सरस्वती महाभागे विद्ये कमललोचने, विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोस्तुते
नमस्ते शारदे देवी, काश्मीरपुर वासिनीं, त्वामहं प्रार्थये नित्यं, विद्या दानं च देहि में,
कंबुकंठी सुताम्रोष्ठी सर्वाभरणं भूषितां महासरस्वती देवी, जिह्वाग्रे सन्निविश्यताम्
आपको बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर रखकर विधि विधान से पूजा करनी चाहिए. इसके बाद आपको इन मंत्रों को जाप करना चाहिए. ध्यान रहे की मंत्रों के जाप के दौरान आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर हो. वहीं, आपको इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए. साथ ही माता सरस्वती को भी पीले रंग के फल, माला और प्रसाद चढ़ाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)