Himachal Pradesh के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिक्षकों को किया सम्मानित
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Himachal Pradesh के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिक्षकों को किया सम्मानित

Teachers Day Celebration: शिक्षक दिवस के मौके पर राजधानी शिमला में खास कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने 14 शिक्षकों को सम्मानित किया. 
 

सांकेतिक तस्वीर

समीक्षा कुमारी/शिमला: देशभर में आज 5 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर राजभवन शिमला में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 14 शिक्षकों को सम्मानित किया. 

इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने शिक्षक दिवस के राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया. उन्होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन शिक्षा के प्रचार प्रसार में बीता. इसके साथ ही कहा कि शिक्षक सही मायने में राष्ट्र निर्माता है. उन्होंने कहा कि आज साक्षरता दर 88 प्रतिशत हो चुकी है. आज 140 महाविद्यालय ही बचे हैं. 

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शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि अभी शिक्षा के क्षेत्र में कई विषय चिंताजनक हैं. सरकारी स्कूल और निजी स्कूलों के मध्य गहरी खाई बनती जा रही है, जिसमें से सरकारी स्कूलों में छात्रों की एनरोलमेंट कम होना ये चिंता का विषय है, जिस पर कार्य करना आवश्यक है. 

वहीं, राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि आज सांस्कृतिक, बेहतरीन राजनीतिज्ञ समेत हर क्षेत्र में अच्छे शिक्षक हैं. उन्होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने शिक्षा के क्षेत्र को सदाचार और सद्गुण बनाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन बहुमुखी प्रतिभा के मालिक थे. उनके विचार आज भी हर शिक्षक के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं. राज्यपाल शुक्ल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल ने उत्कृष्ट कार्य किया है. आज हिमाचल प्रदेश पूरे भारत में दूसरे स्थान पर है. 

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वहां मौजूद शिक्षकों ने कहा कि बच्चों को उन माध्यमों के जरिए पढ़ाने का प्रयास किया जाता है, जिससे वह जल्दी समझने की क्षमता रखते हैं. उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों को आसान भाषा व आम बोलचाल के उदाहरण के साथ विषय को समझाने का प्रयास किया जाना चाहिए. वहीं, नई शिक्षा नीति पर शिक्षकों ने कहा कि नई शिक्षा नीति को सामान्य तौर पर चलने में थोड़ा वक्त जरूर लग सकता है, लेकिन बच्चों को कौशल विकास की तरफ यह शिक्षा नीति ले जाती है. 

शिक्षकों ने कहा कि हर बच्चे की मानसिक भावनाएं अलग-अलग हैं. धीमी से धीमी गति से सीखने वाले विद्यार्थियों के लिए तकनीकी शिक्षा बेहतरीन साबित हो रही है. ऑडियो विजुअल्स के माध्यम से जब बच्चा किसी भी विषय को समझने का प्रयत्न करता है तो उसे कोई भी विषय आसानी से और जल्दी समझ आता है.

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