Himachal pradesh: ढाबे पर जूठे बर्तन साफ करने को मजबूर हुआ हमीरपुर का एथलीट
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Himachal pradesh: ढाबे पर जूठे बर्तन साफ करने को मजबूर हुआ हमीरपुर का एथलीट

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में एक धावक ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर व प्रदेश खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह से रोजगार की मांग की है. इनका कहना है कि उन्हें 16 बार राष्ट्रीय एथलेटिक प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद भी न तो कोई प्रमाणपत्र मिला है और न ही  

Himachal pradesh: ढाबे पर जूठे बर्तन साफ करने को मजबूर हुआ हमीरपुर का एथलीट

अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर में राष्ट्रीय स्तर का धावक वर्तमान में गुमनामी का शिकार हो चुका है. परिवार के पालन पोषण के लिए धावक कभी ढाबे पर जूठे बर्तन साफ कर रहा है तो कभी गांव में लगने वाले मेलों में कुश्ती लड़ने के लिए मजबूर है. भोरंज विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले धावक शिव कुमार शर्मा ने 16 बार राष्ट्रीय एथलेटिक प्रतियोगिता में भाग लेने के अलावा जूनियर और सीनियर नेशनल प्रतियोगिताओं में दमखम दिखाया है. 

शिव कुमार ने की रोजगार की मांग 
शिव कुमार ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर व प्रदेश खेल मंत्री विक्रमादित्य सिंह से मांग की है कि उन जैसे प्रशिक्षक खिलाडियों की अनदेखी न की जाए और उन्हें रोजगार दिया जाए. बता दें, शिव कुमार ने जोधपुर में अखिल भारतीय साईं सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में तीसरे पायदान पर रहकर हिमाचल की झोली में कांस्य पदक डाला था. शिव कुमार तीन बहनों का इकलौता भाई है.

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अभी तक नहीं मिला एथलेटिक्स का प्रमाणपत्र
शिव कुमार ने कहा कि उन्हें परिवार के पालन पोषण के लिए दिहाड़ी-मजदूरी और ढाबे पर काम करना पड़ रहा है. इसके साथ ही कहा कि उन्होंने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन के कार्यालय और शिमला स्थित खेल विभाग के कई बार चक्कर लगा दिए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक एथलेटिक्स का प्रमाणपत्र भी उपलब्ध नहीं हो पाया है जबकि अन्य धावकों को शिमला खेल विभाग से ही प्रमाण पत्र उपलब्ध होने के बाद सरकारी नौकरी भी मिल चुकी है.

किसी और के नाम पर लगवाई गई दौड़
शिव कुमार शर्मा ने कहा कि सरकार द्वारा बाहरी राज्यों के कोचों को डेढ लाख रुपये के वेतन पर नियुक्त किया गया है जबकि हिमाचल प्रदेश के किसी भी कोच के लिए कोई नियुक्ति नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि क्या हिमाचल में अनुभवी कोचों की कमी है, जहां भी धावकों की प्रतियोगिता हुआ करती थी वहां मेरी दौड पर विभाग ने सवालिया निशान लगाए हैं. उन्होंने कहा कि किसी और के नाम पर मुझे दौडाया गया था. शिव कुमार ने बताया कि विभाग ने आज तक उन्हें प्रमाण पत्र भी नहीं दिया है. 

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शिव कुमार ने खेल विभाग से की मांग
शिव कुमार ने खेल विभाग से मांग की है कि उनकी अनदेखी न की जाए और योग्यता रखने वाले खिलाडी को नौकरी दी जाए. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में साईं में कोच नियुक्त किया है उस पर भी सवालिया निशान खडे किए गए हैं, क्योंकि जिला खेल अधिकारी ने योग्यता पूरी न होने पर कोच के पद पर तैनाती करने के लिए मना कर दिया था.

जिला खेल अधिकारी पूरन चंद कटोच ने कहा कि शिव कुमार एनआईएस क्वालिफाइड कोच है लेकिन प्रदेश सरकार और साईं के द्वारा कुछ समय पूर्व जो नियुक्तियां की थी उसमें शिव कुमार की नियुक्ति नहीं हो पाई है उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा कोच की नियुक्ति के लिए विशेष मापदंड बनाए गए हैं. इसी के तहत नियुक्तियां हो रही हैं. 

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