Mohammad Shami revealed: मोहम्मद शमी ने उस वक्त का खुलासा किया है, जब से भारत की गेंदबाजी में बदलाव आना शुरू हो गया था. उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय गेंदबाजी विस्फोटक हो पाई.
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Mohammad Shami revealed: मोहम्मद शमी दुनिया के बेहतरीन इन स्विंगर्स में शुमार होते हैं. उनकी बॉलिंग की सराहना कई दिग्गज करते हैं. आईसीसी वर्ल्ड कप में भारत को कामयाबी दिलाने में शमी का अहम किरदार रहा है. एक कार्यक्रम के दौरान शमी ने तेज गेंदबाजों को मिली पहचान पर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा, ''जो लोग भारतीय क्रिकेट टीम को उनकी बल्लेबाजी के लिए पसंद करते थे, वे अब हमारी जय-जयकार करने लगे हैं. इससे बड़ी कोई ख़ुशी नहीं है.”
लोग विश्व कप के दौरान गेंदबाजों के प्रदर्शन के बारे में बात करते हैं, लेकिन, अगर आपको साफ तस्वीर देखनी है, तो आपको 2013 और 2014 में वापस जाना होगा. क्योंकि सफर यहीं से शुरू हुआ था. देश के क्रिकेट इतिहास में भारतीय तेज गेंदबाजों और स्टार बल्लेबाजों के बीच तुलना के बारे में पूछे जाने पर, शमी ने 2013 और 2014 के सफर का जिक्र किया, और उस जरूरी टाइम पीरियड पर रोशनी डाली जब ईशांत शर्मा और उमेश यादव जैसे खिलाड़ियों ने नींव रखी थी.
मोहम्मद शमी ने कहा,"अगर हम अब तथ्यों पर नजर डालें तो इस बार विश्व कप में प्रदर्शन करने वाले हमारे केवल तीन तेज गेंदबाज थे, जिससे हमें विश्वास होता है कि हमने भविष्य के गेंदबाजों के लिए बेंचमार्क तय दिया है." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी मौजूदा सफलता सात से आठ साल के सफर का नतीजा है, जिसका श्रेय उन्होंने भुवनेश्वर कुमार, जसप्रित बुमरा और मोहम्मद सिराज जैसे गेंदबाजों को दिया है.
शमी ने रेखांकित किया कि हालिया वर्ल्ड कप में केवल तीन तेज गेंदबाज थे, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए निर्धारित उच्च मानकों का संकेत है. उन्होंने गर्व से कहा कि भारत के तेज आक्रमण ने विदेशी धरती पर भी लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है, जिससे टीम में आत्मविश्वास और विश्वास पैदा हुआ है. पिछले 6-8 सालों के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारतीय क्रिकेट टीम अपनी घरेलू धरती पर किसी भी विपक्षी टीम से लोहा लेने में सक्षम रही है. इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा, जिससे हमें अपने ऊपर विश्वास कायम करने में मदद मिली, जो 2024 तक जारी रहा.''