Difference between Eid-Al-Adha and Eid-Al-Fitr: ईद उल अज़हा और ईद-उल-फित्र में लोग अकसर कन्फ्यूज हो जाते हैं. आखिर दोनों में क्या फर्क है? इसके बारे में हम आपको जानकारी देने वाले हैं.
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Eid-ul-Adha 2023 moon sighting: ज़िल हिज्जा महीने की शुरूआत होने वाली है. ये महीने इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार आखिरी महीना होता है और इसी महीने की शुरूआत में ईद-उल-अज़हा यानी बकरीद मनाई जाती है. खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार जो चांद ज़िल हिज्जा का संकेत देता है वह सऊदी अरब में दिख हया है. इस्लामिक कलेंडर के आखिरी महीने की शुरूआत 19 जून से हो गई है. सऊदी में 28 जून को ईद-उल-अज़हा मनाई जाएगी.
आपको जानकारी के लिए बता दें बकरीद के इस महीने को कुर्बानी का महीना कहा जाता है. इस दिन मुसलमान जानवर की कुर्बानी करते हैं और नमाज पढ़ते हैं. इसके साथ ही इस दिन हज भी होता है. आज से कुछ दिन बाद ही ईद उल अज़हा का त्योहार मनाया जाएगा.
अकसर लोगों के मन में सवाल रहता है कि ईद उल अज़हा और ईद उल फित्र में क्या होता है. आज हम आपको इनके बीच में होने वाले फर्क के बारे में बताने वाले हैं. ताकि आप इन्हें बेहतर समझ पाएं. तो चलिए जानते हैं.
ईद-उल-अज़हा इस्लामिक कैलेंडर के 12वें ज़िल हिज्जा के महीने में मनाया जाता है. इस दिन लोग कुर्बानी करते हैं. इससे पहले लोग नमाज पढ़ते हैं. ईद उल अज़हा हमेशा ईद-उल-फित्र के बाद आती है. कुछ ही दिनों में भारत में ईद-उल-अज़हा का त्यौहार मनाया जाएगा.
ईद उल फित्र रमजान के महीने के बाद आती है. मुसलमान रमजान के महीने में रोजा रखते हैं और फिर ईद का त्योहार मनाते हैं. ईद-उल-फित्र शव्वाल महीने के पहली तारीख को मनाई जाती है. इस दिन लोग आमतौर पर शीर बनाते हैं. सुबह जल्दी उठकर लोग नमाज के लिए जाते हैं और फिर आकर परिवार और दोस्तों से मिलते हैं.