Iran On Drone Attack: दरअसल, हाल में अमेरिकी रक्षा डिपार्टमेंट पेंटागन ने कहा था, "ईरान से लॉन्च किए ड्रोन से 23 दिसंबर को हिंद महासागर में एक रासायनिक टैंकर को निशाना बनाया गया."
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Iran On Drone Attack: हिंद महासागर में जहाज पर हुए हमले के पीछे अमेरिका ने ईरान के होने का दावा किया था, जिसे ईरान के विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया. 25 दिसंबर को ईरान के विदेश मंत्रायल ने अमेरिकी दावों को झूठ करार दिया. अमेरिकी इल्जामों के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने कहा, "हम इन दावों को पूरी तरह से खारिज करते हैं."
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने क्या कहा?
आगे उन्होंने कहा, "इस तरह के दावों का उद्देश्य गाजा में ज़ायोनी शासन (इसराइल) के अपराधों को नहीं उजागर करना, जनता का ध्यान भटकाना और अमेरिकी सरकार के पूर्ण समर्थन को छुपाना है." हाल में ईरान को लेकर ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरन ने कहा था कि ईरान दुनिया के लिए घातक है. जिसके बाद ईरान ने ब्रिटेन के विदेश सचिव डेविड कैमरन की आलोचना की थी.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, हाल में अमेरिकी रक्षा डिपार्टमेंट पेंटागन ने कहा था, "ईरान से लॉन्च किए ड्रोन से 23 दिसंबर को हिंद महासागर में एक रासायनिक टैंकर को निशाना बनाया गया." ज्ञात हो कि सऊदी अरब के एक बंदरगाह से इंडिया के मंगलौर आ रहे टैंकर पर हमला हुआ था. जिसके बाद पूरी दुनिया में हडकंप मच गया था. हमले के वजह से शिप में आग गई थी.
गाजा हिंसा के वजह से पूर्व मध्य में तनाव
हमास और इसराइल जंग के वजह से पूर्व मध्य में तनाव भरा माहौल हो गया है. इस बीच हूती विद्रोहियों ने एक इसराइली जहाज को हाईजैक कर लिया था. जिससे हिंद महासागर में तनाव पैदा हो गया है. ईरान हमास को समर्थन करता है, लेकिन सीधी भागीदारी से इनकार किया है. दरअसल, हमास ने इसराइल पर 7 अक्टूबर से हमला किया था. इस हमले में 1200 लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद इसराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पर हमला कर दिया. जिसमें अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.
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