BRS ने कांग्रेस से दो विधायकों से इस्तीफा लेने की कर दी मांग, इस बात पर है लड़ाई
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BRS ने कांग्रेस से दो विधायकों से इस्तीफा लेने की कर दी मांग, इस बात पर है लड़ाई

BRS Congress: हाल ही में बीआरएस के दो विधायक दानम नागेंद्र और कादियाम श्रीहरि कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. इस पर बीआरएस ने कांग्रेस से कहा कि दोनों विधायकों को अयोग्य घोषित करके दिखाएं.

BRS ने कांग्रेस से दो विधायकों से इस्तीफा लेने की कर दी मांग, इस बात पर है लड़ाई

BRS Congress: भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव ने शनिवार को कांग्रेस पार्टी से दलबदल करने वाले बीआरएस के दो विधायकों से इस्तीफा लेने या स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहराए जाने की मांग की. उन्होंने कहा कि इससे यह साफ हो जाएगा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर नहीं है. उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र में दलबदल विरोधी आश्वासन पर उनके रुख के ताल्लुक से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आलोचना की.

राहुल पर सवाल
केटीआर ने राहुल गांधी की ईमानदारी पर सवाल उठाया. उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र में दल-बदल विराधी वादों का पालन करने की चुनौती दी. केटीआर ने सवाल किया कि क्या कांग्रेस पार्टी का दल-बदल विरोधी आश्वासन तेलंगाना में लागू होता है. उन्होंने बीआरएस विधायकों कों अपनी पार्टी में शामिल करने की आलोचना की. उन्होंने राहुल गांधी को याद दिलाया कि उनकी पार्टी ने बीआरएस विधायक दानम नागेंद्र को सिकंदराबाद सीट से लोकसभा चुनाव लड़ाने की घोषणा की है.

काम ज्यादा प्रभावी
अपने बयान में, केटीआर ने विधायकों/सांसदों के दलबदल करने पर स्वत: अयोग्यता सुनिश्चित करने के लिए 10वीं अनुसूची में संशोधन करने के कांग्रेस पार्टी के प्रस्ताव का स्वागत किया. हालांकि, केटीआर ने दोहराया कि शब्दों की तुलना में काम ज्यादा मायने रखता है. उन्होंने राहुल गांधी को अपने कामों से यह दिखाने को कहा कि उनकी पार्टी जो कहती है, उस पर अमल भी करती है. केटीआर ने सभी दलों से लोकतंत्र और पारदर्शिता के सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह किया.

कांग्रेस में शामिल हुए नेता
गौरतलब है कि बीआरएस के दो विधायक दानम नागेंद्र और कादियाम श्रीहरि हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं. कांग्रेस ने नागेंद्र को सिकंदराबाद लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं श्रीहरि की बेटी काव्या को वारंगल सीट से टिकट दिया गया है. इसके पहले बीआरएस ने काव्या को वारंगल से अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया था. बाद में वह अपने पिता के साथ कांग्रेस में शामिल हो गईं.

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