Former BJP MP Swami Chinmayanand accused of raping his college student got bail: याचिकाकर्ता पर इल्जाम है कि उसने 2011 में अपने कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा को अपने आश्रम में बंधक बनाकर रखा और उसके साथ बलात्कार किया था.
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प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बलात्कार के एक मामले में मुल्जिम पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम अग्रिम जमानत दी है, और पीड़ित और राज्य सरकार को चार सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है. न्यायमूर्ति समित गोपाल ने सोमवार को स्वामी चिन्मयानंद के वकील अनूप त्रिवेदी की दलीलें सुनने के बाद यह आदेश दिया है. त्रिवेदी ने दलील दी है कि स्वामी चिन्मयानंद की उम्र 75 साल है, और उन्हें इस मामले में झूठा फंसाया गया है. उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह कई मेडिकल कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान चला रहे हैं.
दरअसल, इस याचिका से पहले भी अदालत ने याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. अपर महाधिवक्ता एम. सी. चतुर्वेदी और अपर शासकीय अधिवक्ता एके संड ने राज्य सरकार की तरफ से इस जमानत याचिका का विरोध किया था.
याचिकाकर्ता पर इल्जाम है कि उसने 2011 में पीड़िता को अपने आश्रम में बंधक बनाकर रखा और उसके साथ बलात्कार किया. इसके बाद पीड़िता और उसके परिवार ने शाहजहांपुर के कोतवाली पुलिस थाना में चिन्मयानंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की दफा 307, 313, 342, 323, 376 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. बाद में, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और 506 के तहत चार्जशीट दाखिल किया गया है. पिछले नौ मार्च, 2018 को राज्य सरकार ने चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज दुर्व्यवहार के मामले को वापस लेते हुए एक आदेश जारी किया था. इस संबंध में शाहजहांपुर की अदालत में एक आवेदन किया गया था. हालांकि अदालत द्वारा यह आवेदन खारिज कर दिया गया था.
कुलदीप सेंगर की सुनवाई से न्यायाधीश ने खुद को अलग किया था
इससे पहले भाजपा के एक अन्य पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तलवंत सिंह ने खुद को अलग कर लिया था. न्यायधीश ने उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 2017 में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई से सोमवार को खुद को अलग कर लिया था. सजा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सेंगर को पार्टी से निष्कासित कर दिया था. सेंगर आठ फरवरी को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत मांग रहा है. एक निचली अदालत ने उस पर 25 लाख रुपए का भारी जुर्माना भी लगाया था. सेंगर को 2017 में नाबालिग बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के लिए कसूरवार ठहराया गया था.
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