Hindenburg reaction on SEBI chief Madhavi Buch: हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में सेबी की चेयरपर्सन माधवी बुच पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. जिसके बाद बुच ने तो सफाई दी, लेकिन हिंडनबर्ग ने इस पर भी कई सवाल उठाए हैं.
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Hindenburg reaction on SEBI chief Madhavi Buch: हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच पर अडानी ग्रुप के साथ मिलीभगत का इल्जाम लगाया था. जिसके बाद माधवी बुच और अडानी ग्रुप ने सफाई दी. जिसके बाद हिंडनबर्ग ने माधबी बुच पर 11 अगस्त की रात एक बार फिर सवाल उठाए हैं.
हिंडनबर्ग ने लगाए कई इल्जाम
हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया साइट एक्स सेबी चीफ के बयान वाले न्यूज एजेंसी के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पर लिखा, "हमारी रिपोर्ट पर सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच की प्रतिक्रिया में कई जरूरी बातें स्वीकार की गई हैं. और कई नए महत्वपूर्ण सवाल भी खडे़ हुए हैं." हिंडनबर्ग ने आगे लिखा, "माधबी बुच के जवाब से पुष्टि होती है कि उनका बरमूडा/मॉरीशस के फ़ंड में निवेश था. जिसका पैसा विनोद अदानी ने इस्तेमाल किया. उन्होंने (माधबी) तस्दीक की है कि ये फ़ंड उनके शौहर के बचपन के दोस्त चलाते थे, जो तब अदानी के डायरेक्टर थे."
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हिंडनबर्ग का क्या है इल्जाम
सेबी को अडानी से जुड़े निवेश फंड की जांच की जिम्मेदारी दी गई थी. इसमें माधबी के निजी निवेश फंड भी शामिल थे. बुच के बयान में यह भी दावा किया गया है कि 2017 में सेबी में नियुक्त होते ही उन्होंने दोनों कंसल्टिंग कंपनियां छोड़ दी थीं, लेकिन 31 मार्च 2024 की शेयर होल्डिंग से पता चलता है कि अगोरा एडवाइजरी (इंडिया) में 99 फीसदी हिस्सेदारी माधबी की है, उनके शौहर की नहीं, वे अभी भी कंपनी में सक्रिय हैं और कमाई कर रही हैं.
SEBI Chairperson Madhabi Buch’s response to our report includes several important admissions and raises numerous new critical questions.
(1/x) https://t.co/Usk0V6e90K
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 11, 2024
बुच है ये गंभीर इल्जाम
हिंडनबर्ग ने कहा, "सिंगापुर के रिकॉर्ड के अनुसार, माधबी के पास मार्च 2016 से 2022 तक अगोरा पार्टनर्स सिंगापुर में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी थी यानी सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए, उन्होंने सेबी की चेयरपर्सन बनने के दो सप्ताह बाद अपने शेयर अपने शौहर के नाम पर ट्रांसफर कर दिए. अगोरा एडवाइजरी ने वित्तीय वर्ष (2022, 2023 और 2024) में 2.3 करोड़ रुपये का रेवेन्यू कमाया, जबकि वे इस दौरान सेबी की चेयरपर्सन भी हैं. बुच ने सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते हुए अपने निजी ईमेल आईडी से अपने शौहर के नाम का इस्तेमाल कर कारोबार किया."
सेबी चीफ ने दी थी ये सफाई
गौरतलब है कि रविवार को हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर अपनी सफाई देते हुए सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच ने कहा था, "हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेज का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, इसमें वे दस्तावेज भी शामिल हैं, जो उस दौर के हैं. जब हम पूरी तरह से आम नागरिक थे. कोई भी अधिकारी उन्हें मांग सकता है. सेबी प्रमुख ने अपने बयान में आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने प्रवर्तन कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस जारी किया है, अब उसी के जवाब में हमें बदनाम करने की कोशिश कर रही है.