Kanpur News: शव से जेवर चुराने के मामले में नजीराबाद पुलिस दोषी. इससे पहले डीसीपी ने चेतावनी देकर छोड़ दिया था. हालांकि,अब एडिशनल पुलिस कमिश्नर मुख्यालय ने चेतावनी को सजा नहीं माना और दंड तय करने का आदेश दिया है.
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Kanpur News: शव से जेवर चुराने के मामले में नजीराबाद थाने के तत्कालीन एसएचओ, चौकी इंचार्ज व अन्य पुलिस कर्मियों को दोषी माना गया है. एडिशनल पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी साउथ के द्वारा जांच के बाद दी गई चेतावनी को सजा मानने से इंकार कर दिया है और आरोपी पुलिस कर्मियों पर विभागीय दंड तय करने का आदेश दिया है.
दरअसल, नजीराबाद के रामकृष्णनगर में 12 अप्रैल 2023 को निखिल नामक एक व्यक्ति ने अपनी मां राजकुमारी की हत्या कर खुदकुशी कर ली थी. इस मामले में राजकुमारी के बड़े बेटे जितेंद्र उर्फ दुर्गेश का कहना था कि मां की मौत के दौरान उनके गले में सोने की चेन, उंगली में अंगूठियां और हाथ में कंगन मौजूद थे. लेकिन घटनास्थल की जांच के दौरान तत्कालीन नजीराबाद SHO कौशलेंद्र प्रताप सिंह और चौकी प्रभारी रवि कुमार की मौजूदगी में शव से जेवर उतारकर पुलिस ने अपने कब्जे में लिया, लेकिन पंचनामा में आभूषण का रिकॉर्ड दर्ज नहीं किया गया.
राजकुमारी का अंतिम संस्कार करने के बाद जब परिवार वाले नजीराबाद थाने में जेवर लेने गए तो उन्हें डरा-धमका कर वहां से भगा दिया.एसएचओ के इस हरकत से मृतका के परिवार वालों ने 22 जून 2023 को IGRS पोर्टल पर मामले की शिकायत दर्ज करा दी. लेकिन पुलिस ने इस मामले में मृतका के बड़े बेटे जितेंद्र पर ही चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी.
दरअसल, पति की मौत के बाद निखिल की पत्नी से परिवार का विवाद शुरू हो गया, जिसका फायदा पुलिस वालों ने उठाया. पुलिस ने 23 जून 2023 को निखिल की पत्नी से तहरीर लेकर जितेंद्र पर ही चोरी की रिपोर्ट दर्ज कर दी और इस मामले में पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी साउथ रवींद्र कुमार को जांच सौंप दी.
वहीं, इस मामले को लेकर अब एडिशनल पुलिस कमिश्नर विपिन मिश्रा ने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने पर DCP ने तत्कालीन SHO, चौकी इंचार्ज समेत अन्य पुलिस कर्मियों को चेतावनी देकर जांच खत्म कर दी थी. हालांकि, जब इसकी फाइल एडिशनल पुलिस कमिश्नर हेडक्वार्टर के पास पहुंची तो उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय दंड तय करने के लिए DCP साउथ रवींद्र कुमार को निर्देश दे दिए हैं. एडिशनल DCP ने कहा कि चेतावनी कोई दंड नहीं है. इसलिए DCP साउथ को जांच फाइल वापस भेजकर दोबारा से दंड तय करने का आदेश दिया गया है.