आज से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र; वक्फ विधेयक और इस मुद्दे पर हो सकता है हंगामा
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आज से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र; वक्फ विधेयक और इस मुद्दे पर हो सकता है हंगामा

Winter Session: आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में कई विधेयक पास होने हैं, जिसमें सबसे अहम विधेयक वक्फ संशोधन विधेयक है. इस पर बीते कल से पीएम मोदी और मुस्लिम संगठन बयानबाजी कर रहे हैं.

आज से शुरू हो रहा शीतकालीन सत्र; वक्फ विधेयक और इस मुद्दे पर हो सकता है हंगामा

Winter Session: सोमवार यानी आज से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. यह सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है. शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले इंडिया ब्लॉक ने सहयोगी पार्टियों की मीटिंग बुलाई है. मीटिंग कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर सुबह 10 बजे होगी. मीटिंग में शीतकालीन सत्र के ताल्लुक से रणनीति बनाने के बारे में बातचीत होगी. 

वक्फ बोर्ड है अहम मुद्दा
संसद में यूं तो कई मुद्दों को उठाने की बात चल रही है, लेकिन जो सबसे अहम मुद्दा है वह है वक्फ बोर्ड का. इसके अलावा सबसे ज्वालंत मुद्दा है मणिपुर में हिंसा का. अडानी मुद्दा भी एक अहम मुद्दा है, इस पर भी बात हो सकती है. कई विपक्षी पार्टियों ने इस पर पहले ही अपना रिएक्शन दिया है. 

यह भी पढ़ें: संविधान के इस कानून के तहत है वक्फ बोर्ड का वजूद; PM के बयान पर मुस्लिम संगठन ने दी दलील

वक्फ बोर्ड पर रिपोर्ट
25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक समेत 16 विधेयकों को सूचीबद्ध किया गया है. वक्फ संशोदन विधेयक की जांच संसदीय समिति कर रही है. समिति इसी सत्र में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. हालांकि समिति ने रिपोर्ट सौंपने के लिए वक्त बढ़ाने की मांग की है. अगस्त महीने में संसद में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया गया. इस विधेयक के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने हंगामा किया. इसके बाद इसे संसदीय समिति के पास भेज दिया गया था.

पीएम मोदी के बयान का जवाब
एक दिन पहले पीएम मोदी ने वक्फ बोर्ड के बारे में कहा कि संविधान में इसका कोई जिक्र नहीं है. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने वोट की राजनीति करने के लिए वक्फ बनाया और दिल्ली कई जायदातों को वक्फ के हवाले कर दिया. इस पर मुस्लिम संगठन के अध्यक्ष अरशद मदनी ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि पीएम मोदी का बयान हल्का है. उन्होंने कहा कि संविधान में अल्पसंखयकों को मजहब की बुनियाद पर कुछ छूट दी गई है. वक्फ बोर्ड इसी के तहत आता है.

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