RSS chief Bhagwat says No danger to minorities : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में विजय दशमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को खिताब करते हुए भागवत ने अल्पसंख्यक, देश की एकता समानता और हिंदू राष्ट्र के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी.
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नागपुरः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) ने बुधवार को कहा कि अल्पसंख्यकों (minorities) में बिना किसी वजह के डर का माहौल बनाया जा रहा है. उन्हें संघ से या हिन्दू से कोई खतरा (No danger to minorities from RSS) नहीं है. किसी को डराना न तो हिन्दुओं का, न ही संघ का स्वभाव या इतिहास रहा है. भागवत ने जोर देकर कहा कि हमसे या संगठित हिन्दुओं से न कभी किसी को खतरा हुआ है और न होगा. संघ प्रमुख ने कहा, ‘‘ना भय देत काहू को, ना भय जानत आप”, ऐसा हिन्दू समाज खड़ा हो, यह वक्त की जरूरत है.’’
सरसंघचालक ने कहा कि समाज के विभिन्न वर्गों में स्वार्थ व द्वेष के आधार पर दूरियां और दुश्मनी बनाने का काम आजाद भारत में भी चल रहा है. ऐसे तत्वों के बहकावे में न फंसते हुए, उनके प्रति निर्मोही होकर निर्भयतापूर्वक उनका निषेध व प्रतिकार करना चाहिए. वहीं, उन्होंने हिंदू राष्ट्र के प्रति भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि वह इसकी बात औरा मांग करते रहेंगे.
Scare-mongering by some is being done that there is a danger to minorities because of us. This is neither the nature of Sangh nor of Hindus. Sangh resolves to stand on the side of brotherhood, amity and peace: RSS chief Mohan Bhagwat, in Nagpur pic.twitter.com/1qYWhsjDPv
— ANI (@ANI) October 5, 2022
सामाजिक समानता का किया जिक्र
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में विजय दशमी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को खिताब करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘संघ पूरी मजबूती के साथ आपसी भाईचारे, भद्रता व शांति के पक्ष में खड़ा है.’’ गैर बराबरी का जिक्र करते हुए भागवत ने कहा कि जब तक मंदिर, जलाशय और श्मशान सभी हिन्दुओं के लिए नहीं खुलेंगे तब तक समानता की बात पूरी नहीं हो सकती. भागवत ने कहा, ’’ ‘‘समाज जुड़े - टूटे नहीं, झगड़े नहीं, बिखरे नहीं. हम दिखते भिन्न और विशिष्ट हैं, इसलिए हम अलग हैं, हमें अलगाव चाहिए....इस असत्य के कारण ’भाई टूटे, धरती खोई और मिटे धर्मसंस्थान. यह विभाजन का ज़हरीला अनुभव लेकर कोई भी सुखी नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार करने और उन्हें अपने फैसले खुद लेने की स्वतंत्रता देकर सशक्त बनाने की जरूरत है.
हिन्दू शब्द का आग्रह रखते रहेंगे
भागवत ने कहा ‘‘हम भारत के हैं. भारतीय पूर्वजों के हैं, भारत की सनातन संस्कृति के हैं, समाज व राष्ट्रीयता के नाते एक हैं और यही हमारा तारक मंत्र है.’’ भागवत ने कहा कि संघ राष्ट्र विचार को मानने वाले सबका यानी हिन्दू समाज का संगठन करने, हिन्दू धर्म, संस्कृति व समाज का संरक्षण कर हिन्दू राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति के लिए काम करता रहेगा. उन्होंने कहा कि अब संघ को लोगों का भरोसा और प्यार मिल रहा है. संघ मजबूत हो रहा है और ‘हिंदू राष्ट्र’ की अवधारणा को भी गंभीरता से लिया जा रहा है. उन्होंने कहा ‘‘परन्तु हिन्दू शब्द का विरोध करते हुए अन्य शब्दों का उपयोग करने वाले लोग भी हैं, लेकिन हमारा उनसे कोई विरोध नहीं है. हम हमारे लिए हिन्दू शब्द का आग्रह रखते रहेंगे.’’
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