Horse Riding: घोड़ों की सवारी ट्रेन के आविष्कार से पहले की गई. यह बात एक अध्ययन से साबित होती है. ट्रेन की सवारी से पहले सबसे तेज सवारी घोड़ों की ही होती थी.
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Horse Riding: घोड़ों की सवाली शाही मानी जाती है. आज के दौर जब कहीं शादी होती है तो दूल्हे को या तो घोड़े पर बिठाया जाता है फिर उसे घोड़े के जरिए खींचने वाले तांगे पर बिठाया जाता है. भारत में आज भी कई लोग घोड़ों की सवारी करते हैं. इसके अलावा कई जगहों पुलिस और सुरक्षाबल इसका इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि पहली बार घोड़े की सवारी कब की गई? अगर नहीं मालूम तो हम बताते हैं.
घोड़े की सवारी ट्रेन बनने से पहले की गई. ट्रेन की परिकल्पना पहली बार 1604 में हुई. खास बात यह है कि ट्रेन को पहली बार इंग्लैंड में घोड़ों ने ही खींचा था. न्यूयॉर्क राज्य के हार्टविक कॉलेज के एक पुरातत्वविद् और नए अध्ययन के सह-लेखक डेविड एंथोनी का कहना है कि रेल के आविष्कार से पहले, घुड़सवारी ही यात्रा का सबसे तेज़ साधन था.
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एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक शोधकर्ताओं ने बुल्गारिया, पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और चेक गणराज्य में 200 कांस्य युग की संरचनाओं की जांच की. इसी अध्ययन के एक अन्य सह-लेखक और फ़िनलैंड में हेलसिंकी विश्वविद्यालय के एक विशेषज्ञ मार्टिन ट्राउटमैन ने इन संरचनाओं पर पाए गए निशानों को घुड़सवार से जोड़ा है. इनमें छह निशान शामिल हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि वह व्यक्ति जानवरों या घोड़ों की सवारी करता था.
ट्राउटमैन का कहना है कि हड्डियों के माध्यम से किसी की भी आत्मकथा पढ़ी जा सकती है. जब घुड़सवारी आम थी तब उन्होंने मानव युग की संरचनाओं की सावधानीपूर्वक जांच की. नए शोध में, विशेषज्ञों ने मानव संरचनाओं का अध्ययन किया जिसमें वे 4.5 से 5.000 साल पुराने पांच कांस्य युग के घुड़सवारों की पहचान करने में सक्षम थे.
यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के पुरातत्वविद एलन आउट्राम ने एपी से बात करते हुए कहा कि हालांकि घोड़ों को पालतू बनाने और उनके दूध का इस्तेमाल करने के सबूत पहले भी मिले हैं, लेकिन ये घुड़सवार सेना के शुरुआती सबूत हैं. शोधकर्ताओं का कहना है कि यूरोप और एशिया में घोड़ों को पालतू बनाने की गति धीमी थी.
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