Turkey Election: तुर्की के राष्ट्रपति ने चुनाव की तारीख़ पर मुहर लगा दी है. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने देश में पार्लियामानी और राष्ट्रपति चुनाव के लिए 14 मई की तारीख़ तय की है. तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप के बाद होने वाला ये चुनाव काफ़ी अहम माना जा रहा है.
Trending Photos
Turkey Election: तुर्की के राष्ट्रपति ने चुनाव की तारीख़ पर मुहर लगा दी है. तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने देश में पार्लियामानी और राष्ट्रपति चुनाव के लिए 14 मई की तारीख़ तय की है. तुर्की में छह फरवरी को आये विनाशकारी भूकंप में तक़रीब 50,000 लोगों की मौत होने के बावजूद राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने देश में निर्धारित समयसीमा से एक महीने पहले 14 मई को संसदीय और राष्ट्रपति चुनाव कराने के फैसला किया. उन्होंने शुक्रवार को चुनाव की तारीख़ को औपचारिक मंज़ूरी दे दी. यह देश में पिछले कई दशकों में सबसे अहम चुनाव साबित हो सकता है, जिस पर पूरी दुनिया की नज़रें टिकी हैं.
फ़ायदेमंद साबित हो सकता है चुनाव: एर्दोगन
एर्दोगन तुर्की पर 2003 से सत्ता पर क़ाबिज़ हैं और वह अपने कार्यकाल का विस्तार करना चाहते हैं. हालांकि, आने वाला इलेक्श उनके लिए सबसे कड़ी चुनावी चुनौती बनकर उभर सकता है. इस हफ़्ते की शुरूआत में राष्ट्रवादियों, इस्लामवादियों और कट्टरपंथियों समेत अपोज़िशन पार्टियों ने राष्ट्रपति चुनाव में एर्दोगन के ख़िलाफ़ एक संयुक्त उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया था. राष्ट्रपति एर्दोगन ने आधिकारिक गजट में प्रकाशित इलेक्शन की तारीख़ की तस्दीक़ करने वाले फैसले पर साइन करने के बाद कहा, "इलेक्शन कराने का हमारा फैसला देश के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकता है".
काफी चुनौतीपूर्ण है इलेक्शन
अब सुप्रीम इलेक्टोरल काउंसिल इलेक्शन के लिए अपना कार्यक्रम तैयार करेगी. बता दें कि तुर्की इस समय कई तरह की परेशानियों का सामना कर रहा है. तुर्की एक ख़स्ताहाल अर्थव्यवस्था, बढ़ती महंगाई और भूकंप के बाद नया जीवन गुज़ारने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है. तुर्की में ज़लज़ले ने 50,000 से ज़्यादा लोगों को मौत की नींद सुला दिया, हज़ारों लोगों को बेघर कर दिया. अभी भी हज़ारों लोग लापता हैं. 11 तुर्की प्रांतों में सैकड़ों की तादाद में लोग टेंट या अस्थायी आवास में शरण लिए हुए हैं. ऐसे हालात में देश में चुनाव होना काफी चुनौतीपूर्ण है.
Watch Live TV