Automatic Transmission Cars: आमतौर पर कारों में दो तरह के ट्रांसमिशन- मैनुअल ट्रांसमिशन और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन आते हैं.
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Bad Things About Automatic Cars: आमतौर पर कारों में दो तरह के ट्रांसमिशन- मैनुअल ट्रांसमिशन और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन आते हैं. ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के अंदर अलग-अलग तरह की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कई तरह के ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन टाइप मौजूद हैं. ऐसे में अगर आप ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कार खरीदना चाह रहे हैं तो आज हम इससे जुड़े 5 बड़े नुकसान बताने वाले हैं. सबसे पहले कीमत से शुरुआत करते हैं.
कीमत
मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों के मुकाबले ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों की कीमत ज्यादा होती है. ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में इस्तेमाल की गई टेक्नोलॉजी के आधार पर यह कीमत कुछ हजारों रुपए से लेकर लाखों रुपए तक बढ़ सकती है.
माइलेज
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों और मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों के बीच माइलेज का अंतर रहता है. ऑटोमैटिक कारें, मैनुअल कारों के मुकाबले कम माइलेज देती है. हालांकि, ऑटोमेटिक कार चलाने में ज्यादा सहूलियत रहती है.
मेंटेनेंस
अगर आपका मैनुअल ट्रांसमिशन खराब हो जाता है तो उसे ठीक कराने का खर्च, खराब हुए ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन को ठीक कराने के खर्च से कम होगा. ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन की मेंटेनेंस कॉस्ट मैनुअल ट्रांसमिशन के मुकाबले ज्यादा होती है.
स्मूदनेसे
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों के ट्रांसमिशन में आपको स्मूदनेस की थोड़ी कमी नजर आ सकती है. हालांकि, अलग-अलग गाड़ियों में इस्तेमाल की गई अलग-अलग ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली तकनीक के आधार पर स्मूथनेस कम या ज्यादा हो सकती है. बाजार में तमाम ऐसी गाड़ी आ चुकी है, जिनके ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन काफी स्मूद हैं.
ड्राइविंग हैबिट
ड्राइविंग हैबिट भी बड़ा फैक्टर है. जो लोग ऑटोमेटिक कार चलाने लगते हैं या ऑटोमेटिक कार से ही ड्राइविंग सीखते हैं, उनके लिए मैनुअल कार चलाना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि मैनुअल ट्रांसमिशन में गियर ड्राइवर को ही बदलने पड़ते हैं जबकि ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में यह काम गाड़ी खुद करती है.
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