Vastu Tips for Money Luck: एक सपनों के आशियाने की दरकार किसको नहीं होती है. इंसान इसलिए घर बनाता या खरीदता है कि उसे वहां, शांति और सुकुन का अहसास हो सके. हालांकि, कई बार घर का वास्तु खराब होने से इंसान को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि वास्तु के नियमों का पालन किया जाए.
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Vastu Tips for Home Entrance: वास्तु शास्त्र के अनुसार, गलत दिशा में बना घर या कमरा विभिन्न तरह के नकारात्मक परिणाम ला सकता है. कमरे की गलत दिशा नींद सहित स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है. इससे घर में अशांति, तनाव आदि पनपने लगता है. वहीं, गलत ढंग से बनाए गए प्रवेश द्वार या कमरे से वित्तीय अस्थिरता या कठिनाइयां आनी शुरू हो जाती हैं. खराब तरीके से डिजाइन किए गए स्थान से पति-पत्नी के रिश्तों में टकराव और तनाव आ सकता है.
मुख्य द्वार
वास्तुकार और करिश्मा त्रेहान डिजाइन्स की फाउंडर करिश्मा त्रेहान का कहना है कि घर का मुख्य प्रवेश द्वार आदर्श रूप से उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. लिविंग रूम उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा में स्थित होना चाहिए. हालांकि, इस दिशा में लिविंग रूम बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि यहां पर्याप्त मात्रा में प्राकृतिक रोशनी मिल सके. बेडरूम आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम दिशा में बनाया जाना चाहिए, क्योंकि यह जगह स्थिरता और सद्भाव से जुड़ी हुई है. वहीं, बेड का सिरहाना दक्षिण या पश्चिम दीवार के साथ होना चाहिए.
करिश्मा त्रेहान, फाउंडर, करिश्मा त्रेहान डिजाइन्स
बच्चों का कमरा
उनके मुताबिक, बच्चों के कमरों की बात करें तो इसका स्थान पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में होना चाहिए. वहीं, गेस्ट रूम उत्तर-पश्चिम या उत्तर-पूर्व दिशा में होना शुभ होता है. किचन घर का महत्वपूर्ण स्थान होता है, इसलिए रसोईघर के लिए आग्नेय कोण सबसे उपयुक्त जगह माना गई है. बाथरूम को घर के उत्तर-पश्चिम या पश्चिम हिस्से में रखना सबसे अच्छा होता है. पूजा कक्ष को पूर्वोत्तर में बनाना उपयुक्त होता है. स्टडी रूम या घर में ऑफिस के कार्य करने की जगह की बात करें तो इसके लिए आदर्श स्थान उत्तर-पूर्व या उत्तर दिशा होती है.
आईना
करिश्मा त्रेहान कहती हैं कि अभी तक तो वास्तु के अनुसार, घर के लेआउट की बात की है. अब लेख में आपको बताएंगे कि घर में किस जगह पर कौन सा सामान रखना चाहिए कि नहीं. बेडरूम में कभी भी भुलकर दर्पण, आईना या शीशा न लगाए. ऐसा करने से नींद में खलल पड़ता है और स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं. वहीं, किचन में चूल्हे को रखने का स्थान दक्षिण-पूर्व कोना सबसे शुभ स्थान माना जाता है. यह जगह अग्नि तत्व से जुड़ी होती है, जिससे अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ावा मिलता है.
पेंट
वहीं, अगर घर में पेंट कराने की सोच रहे हैं तो रसोई के लिए सबसे अच्छे रंग केसरिया, या कोई अन्य गर्म, चमकीला रंग जो अग्नि ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है, उसको लगा सकते हैं. घर के अन्य हिस्सों में लगाए जाने वाले रंगों की बात करें तो बेडरूम में शांत और सुखदायक रंग जैसे हल्का नीला, हल्का हरा, पेस्टल गुलाबी लगाना चाहिए. वहीं, लिविंग रूम में बेज, हल्का पीला, क्रीम और हल्का हरा जैसे रंगों पर विचार किया जा सकता है. बाथरूम के लिए सफेद या हल्के पेस्टल रंग सुझाए जाते हैं. डाइनिंग हॉल के लिए हल्के हरे या बेज जैसे रंग उपयुक्त हैं. पूजा कक्ष के लिए सफेद या हल्का पीला रंग अधिक पसंद किया जाता है.
पेटिंग्स
वास्तु के अनुसार, घर में पेंटिंग्स और पोर्ट्रेट को लगाते समय भी ध्यान रखने की जरूरत है, वरना निगेटिव एनर्जी का संचार होने लगता है. घर में प्रकृति, देवता या प्रेरणादायक पेंटिग्स या कलाकृतियों को लगाया जा सकता है. ये शुभ माने जाते हैं. वहीं, ऐसी तस्वीरें जो नकारात्मकता, हिंसा व्यक्त करती हैं या निराशाजनक या परेशान करने वाले विषयों को दर्शाती हैं, उनसे बचना चाहिए.
उपाय
वास्तु के अनुसार, अगर घर को नहीं बनाया गया हो या फिर व्यवस्थित नहीं किया गया हो तो फर्नीचर या कमरों को रेनोवेट करने की कोशिश करनी चाहिए. वास्तु के नियमों का पालन करने से नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है. घर बनाने से पहले घर भूमि देखने जा रहे हैं तो वास्तु के अनुसार, भूमि की सही दिशा का चयन करें. घर बनाने के लिए उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा वाली भूमि उपयुक्त रहती है.