आम बजट 2016 : मिडिल क्लास को जोर का झटका
Advertisement
trendingNow1284783

आम बजट 2016 : मिडिल क्लास को जोर का झटका

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीसरी बार सोमवार को आम बजट पेश किया। इस बजट से मध्यम वर्ग को बहुत सारी उम्मीदें थीं लेकिन बजट की घोषणाओं से मध्यम वर्ग को निराशा हाथ लगी है। मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा उम्मीद आय कर स्लैब में बदलाव को लेकर थी लेकिन वित्त मंत्री ने आय कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है बल्कि सर्विस टैक्स में 0.5 फीसदी का इजाफा कर जोर का झटका दिया है। बजट में सर्विस टैक्स 14.5 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी कर दिया गया है। यानी सर्विस टैक्स से जुड़ी सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी। सर्विस टैक्स में 0.5 फीसदी का कृषि कल्याण कर लगाया गया है।    

नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तीसरी बार सोमवार को आम बजट पेश किया। इस बजट से मध्यम वर्ग को बहुत सारी उम्मीदें थीं लेकिन बजट की घोषणाओं से मध्यम वर्ग को निराशा हाथ लगी है। मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा उम्मीद आय कर स्लैब में बदलाव को लेकर थी लेकिन वित्त मंत्री ने आय कर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है बल्कि सर्विस टैक्स में 0.5 फीसदी का इजाफा कर जोर का झटका दिया है। बजट में सर्विस टैक्स 14.5 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी कर दिया गया है। यानी सर्विस टैक्स से जुड़ी सभी सेवाएं महंगी हो जाएंगी। सर्विस टैक्स में 0.5 फीसदी का कृषि कल्याण कर लगाया गया है।    

सर्विस टैक्स बढ़ने का सीधा असर आम आदमी के जन-जीवन पर होगा। सर्विस टैक्स बढ़ने से हर सेवा महंगी हो जाएगी। मसलन हवाई यात्रा, एटीएम से पैसे निकालना, रेस्तरां में खाना, फिल्म देखना, मोबाइल बिल, जिम, ब्यूटी पार्लर जाना और रेल टिकट भी महंगा होगा। महंगाई की मार बीमा पॉलिसी पर भी पड़ेगी। यही नहीं सर्विस टैक्स बढ़ने से सिगरेट, सिगार, गुटखा और पान मसाला महंगा हो जाएगा। बजट में छोटी-बड़ी सभी तरह की कारें भी महंगी कर दी गई हैं। ब्रांडेड कपड़ों को लेकर भी आपको अब ज्यादा कीमत चुकानी होगी।

वित्त मंत्री ने सलाना ढाई लाख रुपए की आमदनी को टैक्स के दायरे से बाहर रखा है। यानी सलाना ढाई लाख रुपए की आय करने वाले लोगों को आय कर नहीं देना होगा जबकि 2.5 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। वहीं 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपए से ज्यादा की सालाना आमदनी पर 30 फीसदी की दर से इनकम टैक्स लगाया जाता है। सीनियर सिटीजन को 3 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी की दर से टैक्स देना होता है। जबकि महिलाओं को तीन लाख रुपए की सलाना आमदनी पर कोई आयकर नहीं देना होता है। महिलाओं को 3 लाख से पांच लाख रुपए तक 10 फीसदी, 5 लाख से 10 लाख रुपए तक- 20 फीसदी, 10 लाख रुपए से ऊपर 30 फीसदी आयकर देना होता है।fallback

कहा जा सकता है कि जिस मध्यमवर्ग के दम पर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और एनडीए सत्ता में आया, उसी मिडिल क्लास की उम्मीदों पर सरकार ने पानी फेर दिया है। आम बजट 2016-17 में मध्यम वर्ग को मामूली राहत दी गई है उसके बदले में उस पर महंगाई का बोझ डाल दिया गया है। वित्त मंत्री ने हालांकि मिडिल क्लास को कुछ राहत देने की घोषणा की है। अगर आप 50 लाख तक का मकान खरीदते हैं तो आपको 50 हजार रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी। हालांकि यह पहली बार मकान खरीदने वालों के लिए ही होगी।

बजट में अमीरों पर कर का बोझ डाला गया है। एक करोड़ से ज्यादा आय वाले लोगों पर सरचार्ज 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया गया है। डीजल कारें, ब्रैंडेड कपड़े और गहने मंहगे हो जाएंगे। तो गरीबों के लिए वित्त मंत्री ने कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू करने की घोषणा की है। गरीब बुजुर्गों को एक लाख तीस हजार का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा, गरीब महिलाओं के नाम पर होगा एलपीजी कनेक्‍शन, गरीबों के लिए नई सुरक्षा बीमा योजना, गरीबों को रसाई गैस के लिए 200 करोड़, किसानों की आय पांच सालों में दोगुनी करना, परंपरागत खेती को लाभ की खेती बनाना, किसानों के विकास के लिए 35984 करोड़ रुपए, किसानों के लिए देश में 12 ई-पोर्टल खुलेंगे, मनरेगा के लिए 38500 करोड़ रुपए, गांवों में विद्युतिकरण के लिए 8500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

कुल मिलाकर 2016-17 का बजट देखने से यही लगता है कि वित्त मंत्री के बजट में अमीर और मध्यमवर्ग की अपेक्षा गरीबों और किसानों की ज्यादा सुध ली गई है। यह बजट गरीब परिवारों और किसानों को ज्यादा समर्पित है। आगामी महीनों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, उसकी झलक भी बजट में दिखाई देती है। वित्त मंत्री ने अमीर औऱ मध्यमवर्ग की जेब पर कैंची चलाकर राजस्व जुटाने की व्यवस्था की है।   

Trending news