Amrapali Project: आम्रपाली ग्रुप को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. इससे ग्राहकों को भी थोड़ी राहत की सांस मिलेगी. दरअसल, एनबीसीसी ने ऐलान किया है कि उसने 13 हजार से ज्यादा फ्लैट का निर्माण पूरा कर लिया है. आइए जानते हैं पूरा अपडेट
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Amrapali Residential Projects: सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली ग्रुप की रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं में अब तक लगभग 13,500 फ्लैट का निर्माण पूरा कर लिया है. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि मार्च, 2025 तक इन परियोजनाओं में बाकी लगभग 25,000 फ्लैट का निर्माण भी पूरा कर लिया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड के माध्यम से आम्रपाली की रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है. इसके लिए एक अलग इकाई 'आम्रपाली अवरुद्ध परियोजना निवेश पुनर्निर्माण प्रतिष्ठान' (एस्पायर) का गठन किया गया है.
आम्रपाली की परियोजना
एनबीसीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के पी महादेवस्वामी ने कहा, ''एनबीसीसी चुनौतियों के बावजूद आम्रपाली की परियोजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. हम अपने संसाधनों को इसके लिए लगा रहे हैं, ताकि परियोजना के खरीदारों के घर का सपना पूरा हो सके. हमें मार्च, 2025 तक सभी परियोजनाओं को पूरा करने की उम्मीद है.'' उन्होंने कहा कि एनबीसीसी ने अब तक लगभग 13,500 फ्लैट का निर्माण पूरा कर लिया है और इनमें से 5,100 इकाइयां ग्राहकों को सौंपी जा चुकी हैं.
इतने बनने थे अपार्टमेंट
एनबीसीसी के अनुसार 25 आवास परियोजनाओं में कुल 46,575 अपार्टमेंट बनने थे. इनमें से 8,416 इकाइयों पर जुलाई, 2019 में कोर्ट का फैसला आने से पहले ही घर खरीदारों का कब्जा था. एक परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) के रूप में एनबीसीसी को बाकी 38,159 इकाइयों और पहले सौंपे जा चुके फ्लैटों के लिए सामान्य सुविधाओं का निर्माण करना था.
इतने रुपये मिले
एनबीसीसी ने करीब 5,512.10 करोड़ रुपये का काम सितंबर, 2023 तक पूरा कर लिया और इस साल 23 अक्टूबर तक ग्राहकों से उसे 5,229.60 करोड़ रुपये मिले. एसबीआईकैप वेंचर्स लिमिटेड ने छह परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 650 करोड़ रुपये के वित्तपोषण को मंजूरी दी है. इसके अलावा सात बैंकों - बैंक ऑफ बड़ौदा (लीड बैंक), इंडियन बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब एंड सिंध बैंक के एक गठजोड़ ने भी 1,500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. (इनपुट: भाषा)