सरकार की तरफ से इस बार कुछ स्पेशल कैटेगरी के इनकम टैक्स में राहत दी जा सकती है. खबरों में दावा किया जा रहा है कि इस बार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है.
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Income Tax Exemption Limit: अगर आप भी टैक्स पेयर हैं या हर साल आईटीआर फाइल (ITR Filing) करते हैं तो यह खबर आपको खुश कर देगी. हर साल की तरह इस बार भी सैलरीड क्लॉस को राहत देने के लिए टैक्स स्लैब में बदलाव करने और 80सी के तहत लिमिट बढ़ाने की मांग की जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि सरकार की तरफ से इस बार मिडिल क्लॉस को राहत दी जा सकती है. मनीकंट्रोल में प्रकाशित खबर के अनुसार सरकार जुलाई में पेश होने वाले बजट में न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स माफी की लिमिट को मौजूदा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्लान कर रही है.
मिडिल क्लॉस के लोगों को राहत मिल सकती है
इससे पहले कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि सरकार की तरफ से इस बार कुछ स्पेशल कैटेगरी के इनकम टैक्स में राहत दी जा सकती है. खबरों में दावा किया जा रहा है कि इस बार इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है. सरकार को उम्मीद है कि टैक्स रिबेट की लिमिट बढ़ाने से मिडिल क्लॉस के लोगों को राहत मिलेगी और वे पहले से ज्यादा खर्च पाएंगे. आपको बता दें साल 2020 के बजट में सरकार की तरफ से आम आदमी को दो टैक्स सिस्टम सिलेक्ट करने का ऑप्शन दिया गया था. टैक्सपेयर्स को ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम के दो विकल्प दिये गए.
हायर टैक्स स्लैब को घटाकर 25% करने की संभावना
ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में आपको अलग-अलग तरह के निवेश पर टैक्स रिबेट मिलती है. लेकिन न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स रेट कम है लेकिन ज्यादा छूट या कटौती का फायदा नहीं मिलता. ओल्ड टैक्स रिजीम में आप अलग-अलग प्रकार के निवेश के लिए कटौती, एचआरए (HRA) और लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) जैसी छूट का दावा कर सकते हैं. अधिकारियों ने यह भी कहा कि सरकार न्यू टैक्स रिजीम में 30% के हायर टैक्स स्लैब को घटाकर 25% करने की संभावना नहीं है. सरकार चाहती है कि कम आमदनी वाले लोगों के लिए खपत को बढ़ावा देने की फिलहाल जरूरत है.
सरकार लोगों को नए टैक्स सिस्टम में लाना चाहती है
सरकार पुराने टैक्स सिस्टम में टैक्स रेट बदलने की सोच नहीं रही है. हालांकि, कई लोग मांग कर रहे हैं कि सबसे ऊंची टैक्स दर (30%) वाले दायरे को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाए. असल में, सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को नए टैक्स सिस्टम में लाना चाहती है. नए सिस्टम में छूट और कटौती कम होती है, लेकिन आम तौर पर टैक्स रेट भी कम होता है. नए टैक्स सिस्टम में सालाना 15 लाख से ज्यादा कमाने वालों पर 30% टैक्स लगता है, जबकि पुराने सिस्टम में ये रेट 10 लाख से ऊपर कमाने वालों पर लगता है.
सरकार की तरफ से ओल्ड टैक्स रिजीम में किसी तरह का बदलाव करने का प्लान नहीं किया जा रहा. दरअसल, कई लोग मांग कर रहे हैं कि सबसे ऊंचे टैक्स रेट 30% वाले दायरे को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाए. असल में सरकार का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को न्यू टैक्स रिजीम के दायरे में लाना है. न्यू टैक्स रिजीम में छूट और कटौती कम होती है. लेकिन आमतौर पर टैक्स रेट भी कम होता है. न्यू टैक्स रिजीम में सालाना 15 लाख से ज्यादा कमाने वालों पर 30% टैक्स लगता है. वहीं ओल्ड टैक्स रिजीम में 10 लाख से ज्यादा कमाने वाले के लिए 30 प्रतिशत टैक्स देने का प्रावधान है.