CS: सूत्रों के मुताबिक, "अगर पीएमएलए कानून के प्रावधान लागू होते हैं तो ग्राहक एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट दोनों ही समान रूप से जिम्मेदार होंगे. चार्टर्ड अकाउंटेंट को अगर लगता है कि किसी लेनदेन में धनशोधन प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है तो अब वह नियामकों को इसकी जानकारी दे सकता है."
Trending Photos
CA: चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए), कंपनी सचिव (सीएस) और कॉस्ट अकाउंटेंट को अब अपने ग्राहकों की तरफ से कुछ खास तरह के वित्तीय लेनदेन करने के लिए धनशोधन निवारक अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जवाबदेह ठहराया जा सकता है. वित्त मंत्रालय ने हाल ही में जारी एक अधिसूचना में सीए, सीएस और कॉस्ट अकाउंटेंट को पांच तरह के वित्तीय लेनदेन के लिए पीएमएलए के दायरे में रखने की जानकारी दी. इसके मुताबिक अपने ग्राहकों की तरफ से बैंक खातों का प्रबंधन और उनकी संपत्तियों की खरीद-बिक्री पर पीएमएलए कानून के दायरे में उनकी भूमिका को परखा जाएगा.
अचल संपत्ति की खरीद और बिक्री
पिछली तीन मई को जारी इस अधिसूचना के मुताबिक, अचल संपत्ति की खरीद और बिक्री के अलावा ग्राहकों के पैसे, प्रतिभूतियों या अन्य संपत्तियों के प्रबंधन, बैंक, बचत या प्रतिभूति खातों के प्रबंधन, कंपनियों के निर्माण, परिचालन या प्रबंधन के लिए अंशदान की देखरेख और कंपनियों, एलएलपी या ट्रस्ट के गठन, परिचालन या प्रबंधन के साथ कारोबारी इकाइयों की खरीद और बिक्री से संबंधित वित्तीय लेनदेन पीएमएलए के दायरे में रखे गए हैं.
चार्टर्ड अकाउंटेंट
इस अधिसूचना में यह भी स्पष्ट किया गया है कि चार्टर्ड अकाउंटेंट अपने ग्राहकों के साथ खुद भी पीएमएलए अधिनियम, 2002 के तहत सजा एवं जुर्माने के लिए समान रूप से उत्तरदायी होंगे. सूत्रों के मुताबिक, "अगर पीएमएलए कानून के प्रावधान लागू होते हैं तो ग्राहक एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट दोनों ही समान रूप से जिम्मेदार होंगे. चार्टर्ड अकाउंटेंट को अगर लगता है कि किसी लेनदेन में धनशोधन प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है तो अब वह नियामकों को इसकी जानकारी दे सकता है."
लेनदेन
चार्टर्ड अकाउंटेंट निकाय आईसीएआई ने एक बयान में कहा कि इस अधिसूचना के बाद चार्टर्ड अकाउंटेंट अब खास तरह के लेनदेन की जानकारी देने वाले सूत्र बन गए हैं. लेकिन इस भूमिका के लिए उन्हें सभी लेनदेन से जुड़े ग्राहकों का केवाईसी रखने के अलावा पूरा रिकॉर्ड भी रखना होगा.
जागरूकता कार्यक्रम
आईसीएआई ने कहा कि वह अपने सदस्यों को इस बदलाव के अनुरूप ढालने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाएगा. संगठन ने कहा, "आईसीएआई अधिकारियों एवं नियामकों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेगा ताकि इन बदलावों को सही परिप्रेक्ष्य में लागू किया जा सके.". सरकार कालेधन पर लगाम लगाने के लिए पीएमएलए प्रावधानों को लगातार सख्त बनाने में जुटी है. मार्च में भी वित्त मंत्रालय ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों के लिए अनिवार्य कर दिया था कि वे राजनीतिक रूप से जुड़े लोगों के वित्तीय लेनदेन का ब्योरा रखें..
जरूर पढ़ें-
सिर्फ रजिस्ट्री कराने से नहीं बनते प्रॉपर्टी के मालिक, ये एक गलतफहमी अभी कर लें दूर | NSE ने निवेशकों को चेताया, यहां निवेश करने वाले हो जाएंगे 'कंगाल'; आज ही निकाल लें पैसा |