दिल्ली हाईकोर्ट का SEBI, RBI को निर्देश, Axis Bank-Max Life डील की तेजी से करें जांच
Advertisement
trendingNow12392107

दिल्ली हाईकोर्ट का SEBI, RBI को निर्देश, Axis Bank-Max Life डील की तेजी से करें जांच

Max Life: सेबी की तरफ से अदालत को बताया गया था क‍ि उसने मामले की शुरुआती जांच शुरू कर दी है और लेनदेन की जांच के लिए स्वामी की मांग वाली चिट्ठी आरबीआई (RBI) को भेज दी गई है.

दिल्ली हाईकोर्ट का SEBI, RBI को निर्देश, Axis Bank-Max Life डील की तेजी से करें जांच

Delhi High Court on SEBI and RBI: दिल्ली हाईकोर्ट ने सेबी और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को निर्देश दिया है कि वे मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में शेयरों की बिक्री और खरीद में एक्सिस बैंक लिमिटेड की ओर से की गई कथित धोखाधड़ी की जांच में तेजी लाएं. कोर्ट ने पूर्व राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी की उस मांग को खारिज कर दिया, जिसमें इन आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने की मांग की गई थी. स्वामी ने अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि मैक्स फाइनेंशियल सर्विसेज और मित्सुई सुमितोमो इंटरनेशनल ने बाजार मूल्य से कम कीमत पर एक्सिस बैंक को मैक्स लाइफ के शेयर ट्रांसफर किए और बाद में एक्सिस बैंक से काफी अधिक कीमत पर शेयर खरीदे गए थे.

एक्सिस बैंक और मैक्स लाइफ पर कितना जुर्माना

सुनवाई के दौरान  IRDA ने हाईकोर्ट को बताया था कि उसने पहले ही एक्सिस बैंक पर 2 करोड़ रुपये और मैक्स लाइफ पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इन आदेशों और आगे की कार्रवाई के लिए मामला आरबीआई और सेबी को भेज दिया गया था. सेबी ने भी अदालत को बताया था कि उसने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है और  लेन-देन की जांच के लिए स्वामी की मांग वाली चिट्ठी आरबीआई (RBI) को भेज दी गई है.

इसी बीच सुब्रमण्यम स्वामी ने  13 मार्च, 2024 में कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि सेबी अध्यक्ष 04 फरवरी, 2015 में मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट लिमिटेड में अतिरिक्त निदेशक और 2017 में निदेशक थी ऐसे में सीधे उनके हितों के टकराव का मामला बनता है. हाई कोर्ट ने सेबी अध्यक्ष के खिलाफ आरोपों को लेकर कहा कि स्वामी ने सेबी अध्यक्ष को प्रतिवादी के रूप में शामिल नहीं किया है. सेबी अध्यक्ष का अतीत में मैक्स समूह के साथ पेशेवर संबंध रहा हो, लेकिन इससे सेबी को नियम अनुसार कार्रवाई करने में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए. अगर फिर भी सेबी का अंतिम फैसला, सेबी अध्यक्ष के कथित पूर्ववर्ती पेशेवर संबंधों के कारण किसी भी तरह से प्रभावित होता है, तो याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी निश्चित रूप से मामले को फिर से कोर्ट में रख सकते हैं. 
  
क्या कहा सुब्रमण्यम स्वामी ने
इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि हमने एक्सिस बैंक को लेकर दिल्ली हाइकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की थी, जिसमे हमने कोर्ट को बताया था कि एक्सिस बैंक ने गलत तरीके से मैक्स हेल्थ इंश्‍योरेंस कंपनी के शेयर सस्ते दामों पर खरीदे थे जिसको बाद में ऊंचे दाम पर बेच दिया था. जिससे प्रॉफिट कमाया गया जो बैंकिंग नियमो के खिलाफ और गैरकानूनी है. उन्होंने कहा कि हमने सेबी की भूमिका पर भी सवाल उठाया था. कोर्ट ने हमारी पीआईएल को सही माना और सेबी को निर्देश दिया है कि वो इस मामले की जांच करे. उन्होंने कहा कि अगर सेबी इस मामले में कुछ नहीं करती तो हम दोबारा कोर्ट जाएंगे.

सेबी चीफ को लेकर सवाल
उन्होंने कहा कि बैंक का काम ब्याज लोन देना है, लेकिन एक्सिस बैंक गलत तरीके से पैसे कमाने में लगा है, ऐसे बैंक को बंद कर देना चाहिए. इस मामले में सेबी चीफ को लेकर हाल ही में सवाल उठे थे. जिस संस्था की जिम्मेदारी होती है कि वो बाजार की गड़बड़ियों को रोके, वो उसमें नाकामयाब हुई है. सरकार को ऐसे पैसों की वसूली करनी चाहिए ताकि उस पैसों को सरकार ले सके.  कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा है कि अगर सेबी कुछ नहीं करती तो आप क्रिमिनल केस भी दर्ज करवा सकते है.

Trending news